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नगर पालिका रतिया के रिवाइज बजट पास करने को लेकर वीरवार को चौथी बार भी बैठक को नगर पालिका अध्यक्ष व पार्षदों के न आने के चलते रद्द करना पड़ा। बजट बैठक के बाद बुलाई गई विशेष बैठक को भी नगर पालिका सचिव द्वारा स्थगित कर दिया गया।

रतिया/फतेहाबाद: नगर पालिका रतिया के रिवाइज बजट पास करने को लेकर वीरवार को चौथी बार भी बैठक को नगर पालिका अध्यक्ष व पार्षदों के न आने के चलते रद्द करना पड़ा। बजट बैठक के बाद बुलाई गई विशेष बैठक को भी नगर पालिका सचिव द्वारा स्थगित कर दिया गया। हालांकि नगर पालिका में नगर पालिका उपाध्यक्ष जोगिंदर नंदा व अन्य सात पार्षद नगर पालिका कार्यालय में तो पहुंचे लेकिन उन्होंने मीटिंग हाल में ना जाकर पार्षदों के कार्यालय में बैठकर ही नगर पालिका अधिकारियों पर पिछले वर्ष का लेखा जोखा न देने के आरोप लगाए।

बिना काम करवाए ही टेंडरों का भुगतान करने का आरोप

वार्ड नंबर चार की पार्षद वीरपाल कौर और वार्ड नौ के पार्षद धीरज सोनू ने कहा कि उनके वार्ड में डेढ़ लाख के गलियों की रिपेयर के टेंडर लगे थे लेकिन अभी तक सड़क रिपेयर तो हुई नहीं, लेकिन उन टेंडरों का भुगतान कर दिया गया है। पार्षद कांग्रेस अजमेर सिंह ने कहा कि उनके वार्ड में स्ट्रीट लाइट नहीं है, जिसको लेकर वह नगर पालिका सचिव से कई बार मिले हैं लेकिन उन्हें लाइट नहीं दी जा रही बल्कि अधिकारी उन्हें अपने स्तर पर काम करवाने की बात कह रहे हैं। उन्होंने नगर पालिका में फैल रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया। हालांकि बैठक रद्द हो गई लेकिन नगर पालिका कार्यालय पहुंचे पार्षदों हैप्पी सैनी, गुरविंदर, रेखा शर्मा, वीरपाल कौर, अजमेर सिंह सहित अन्य पार्षदों ने उनके वार्ड सहित शहर में उनके कार्यकाल के बाद किसी भी तरह का विकास कार्य न होने सहित अनेक गंभीर आरोप लगाए।

पार्षदों के न आने से बैठक को करना पड़ा रद्द

नगर पालिका सचिव पंकज जून ने बताया कि नगर पालिका चेयरपर्सन व कुछ पार्षदों के न आने के चलते बैठक कोरम पूरा नहीं हो सका, जिसके चलते बैठक को रद्द करना पड़ा। विकास कार्यों को लेकर टेंडर लगाए गए हैं, जल्दी उनके वर्क आर्डर जारी कर दिए जाएंगे। बिना मरम्मत कार्य के पेमेंट किए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। नगर पालिका के भ्रष्टाचार को लेकर उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने पर उचित जांच करवाई जाएगी

करीब 20 करोड़ का बजट किया जाना था पास

नगर पालिका में होने वाली बजट बैठक में करीब 20 करोड़ रुपए का बजट पारित किया जाना था जिसमें नगर पालिका कर्मचारियों की 7 करोड़ रुपए की सैलरी, 11 करोड़ रुपए का विकास कार्य तथा 2 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्चों को पास किया जाना था। लेकिन वर्क आर्डर जारी न किए जाने के चलते मीटिंग को रद्द करना पड़ा। इसके चलते शहरवासियों को विकास के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

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