सूरज सहारण, कैथल: कुर्सी के भी रंग न्यारे हैं। कुर्सी को पाने के लिए नेताओं को तरह-तरह के पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। ऐसा नजारा कुरूक्षेत्र लोकसभा के प्रत्याशियों का सामने आ रहा है। जहां भाजपा प्रत्याशी प्रसिद्ध उद्योगपति नवीन जिंदल रादौर की अनाज मंडी में पल्लेदारों के साथ गेहूं का कट्टा उठा रहे हैं तो वहीं इंडियन गठबंधन से आम आदमी प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता कभी शाहबाद में चाय की दुकान पर चाय बनाते नजर आते हैं तो वहीं कभी कैथल में किसानों के साथ दरांती से गेहूं काटते नजर आ रहे हैं। इसे सियासी चाय तथा पल्लेदारी कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बता में कि जहां डॉ. सुशील गुप्ता पिछले करीब डेढ़ माह से चुनाव प्रचार में जुटे हैं तो वहीं नवीन जिंदल तीन दिन पूर्व ही चुनावी प्रचार में जुटे हैं।
चुनाव प्रचार में नेताओं के सामने आ रहे अलग-अलग ढंग
चुनाव के दौरान नेताओं के सामने आ रहे विभिन्न रूपों से जनता किस कदर प्रभावित होती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। जनता का कहना है कि यह सब चुनावी ढोंग हैं। ये केवल पांच साल में एक बार ही दिखाई देते हैं। किसी को भी जनता से कोई सरोकार नहीं है। पल्लेदारी करने वाले एक युवक ने कहा कि एक बोरी उठाने से कोई पल्लेदार नहीं बन जाता। पल्लेदारी खाली पेट की जा सकती है उद्योगपति बनकर नहीं। पल्लेदारी के लिए खून-पसीना एक करना होता है। यह सब चुनावी ढकोसले हैं। इसी प्रकार से चाय की दुकान करने वाले वेदू ने कहा कि एक कप चाय बनाकर चाय वाला नहीं कहला सकता। चाय वाला बनने के लिए धूप में तपना पड़ता है तथा दूसरों के बर्तन साफ करने पड़ते हैं।
नवीन जिंदल और डॉ. सुशील गुप्ता हैं उद्योगपति
बता दें कि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता जहां दिल्ली के प्रसिद्ध व्यापारी हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी से पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल देश के प्रसिद्ध उद्योगपति स्वर्गीय ओमप्रकाश जिंदल के सबसे छोटे बेटे हैं। नवीन जिंदल हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से दो बार कांग्रेस पार्टी से सांसद रह चुके हैं। नवीन जिंदल पिछले 10 साल से राजनीति से दूर रहे तथा हाल ही में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की तथा पार्टी द्वारा उन्हें भाजपा से प्रत्याशी बनाया गया। इसी प्रकार इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला बिना कोई दिखावा किए चुनावी प्रचार में जुटे हैं। वे किसान मसीहा कहे जाने वाले पूर्व उपप्रधानममंत्री देवीलाल के पौत्र हैं तथा देवीलाल की नीतियों को लेकर जन-जन तक पहुंच रहे हैं।