Farmers Protest Updates: पंजाब से हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर आज 13 फरवरी को दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। लेकिन, पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर अन्नदाताओं को रोक दिए हैं, जिससे किसान आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। हरियाणा में की गई नाकाबंदी पर अब सियासत शुरु हो गई है। हरियाणा कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र हुड्डा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसानों की मांग जायज है। केंद्र सरकार को तुरंत किसानों के साथ चर्चा करनी चाहिए और जो वे कह रहे हैं उस पर सहमत होना चाहिए।
#WATCH | On farmers' march, former Haryana CM and Congress leader Bhupinder Singh Hooda says "As far as demands of the farmers are concerned, the central Govt should immediately have discussions with the farmers and agree to what they are saying..." pic.twitter.com/5mueuR0azC
— ANI (@ANI) February 13, 2024
कुमारी शैलजा ने जमकर बोला हमला
वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी किसानों की मांग को वैध बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के साथ हुए समझौते का पालन करना चाहिए। किसानों की एमएसपी (MSP) की मांग वैध है। वहीं, कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने केंद्र सरकार को तानाशाही बता दिया है। उन्होंने कहा कि जिनके आंसू पोछने चाहिए थे, उन पर आंसू गैस के गोले दाग रही है तानाशाही सरकार। उन्होंने कहा 'अबकी ये तय है कि इस बार चली जाएगी। आपके हाथ से पतवार चली जाएगी। इन किसानों के जज्बे को कुचलने वाले, इस इलेक्शन में तेरी सरकार चली जाएगी।'
अबकी ये तय है कि इस बार चली जाएगी।
— Kumari Selja (@Kumari_Selja) February 13, 2024
आपके हाथ से पतवार चली जाएगी।
इन किसानों के जज्बे को कुचलने वाले..
इस इलेक्शन में तेरी सरकार चली जाएगी।।#FarmersProtest #NoFarmersNoFood #FarmersProtest2024 #13फरवरी_दिल्ली_कूच pic.twitter.com/u60UqZvnLF
व्यापारियों ने किया विरोध
वहीं, किसानों के विरोध प्रदर्शन पर व्यापारियों पर भी काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है। व्यवसायों पर किसानों के विरोध के संभावित प्रभाव पर कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज हरियाणा के अध्यक्ष प्रवीण गर्ग ने कहा कि हम किसानों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें हमारे व्यापार उद्योगों को परेशान नहीं करना चाहिए। पिछले दो दिनों से इंटरनेट बंद है बंद है, जिसके कारण अनिवार्य ई-चालान/ईवे बिलिंग संभव नहीं हो पाई है। राज्य की सीमाओं के माध्यम से सामग्रियों का परिवहन संभव नहीं हो पा रहा है। यहां के लोगों में दहशत है। उन्होंने कहा कि केवल बहादुरगढ़ से सालाना लगभग 50,000 करोड़ रुपये का विनिर्माण होता है। राजस्व, रोजगार आदि इससे जुड़े हुए हैं। नेट बंद होने के चलते उद्योगों को सीधा नुकसान हो रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज-जिला झज्जर के सदस्यों ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने व्यवसाय पर न्यूनतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक केंद्र बहादुरगढ़ में अपना विरोध प्रदर्शन न करें।
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सरवन सिंह पंढेर का बयान
वहीं, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि लगभग 10,000 किसान शंभू सीमा मौजूद हैं। किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं और ड्रोन के जरिए हमारे खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा सरकार हमारी मांगों से सहमत है।