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हरियाणा में रबी फसल बुवाई के सीजन के दौरान डीएपी खाद की कमी की वजह से किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों को घबराहट में खरीदारी से बचने की सलाह दी।

Fertilizer Crisis News: हरियाणा में रबी की फसल की बुवाई का सीजन शुरू होते ही किसानों को एक बार फिर खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर डीएपी खाद की मांग बढ़ने के साथ ही किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। हालांकि, डीएपी यानी डाई-अमोनियम फॉस्फेट को लेकर राज्य सरकार का दावा है कि हालात काबु में है और जल्द ही पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही नए कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों को घबराहट में खरीदारी से बचने की सलाह दी और कहा कि जल्द ही 46,495 मीट्रिक टन डीएपी प्रदेश में पहुंचेगा। बावजूद सरकार के दावों के जमीनी स्तर पर स्थिति गंभीर बनी हुई है। 

सरकार की योजना और आंकड़े

कृषि मंत्री राणा ने बताया कि 3 से 11 नवंबर तक हरियाणा में कुल 46,495 मीट्रिक टन डीएपी लाने की योजना है। इसके तहत, 6 नवंबर तक 28,670 मीट्रिक टन डीएपी पहले ही स्टॉक में है, और अगले कुछ दिनों में इसकी और खेपें आने की उम्मीद है। जबकि, 7 नवंबर को 2,700 मीट्रिक टन और 8 नवंबर को भी डीएपी की खेप आने का अनुमान है। 

सरकार का दावा: सब कुछ ठीक है

कृषि मंत्री के मुताबिक, इस सप्लाई से हर किसान तक जरूरत के अनुसार खाद पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा, "अगर किसान केवल अपनी जरूरत के मुताबिक डीएपी खरीदते हैं, तो यह तय किया जा सकेगा कि सप्लाई चेन में किसी किस्म की बाधा न आए और हर किसान को पर्याप्त मात्रा में खाद मिल सके।"

किसानों की हकीकत: लाइनें लग रही हैं

हालांकि, जमीनी स्तर पर तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है। राज्य के कई जिलों में किसानों को डीएपी खाद लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही है। कई जगहों पर तो पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण किया जा रहा है। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब हरियाणा में डीएपी का संकट पैदा हुआ है। साल 2021 में भी गेहूं और सरसों की बुवाई के दौरान राज्य में इसी तरह का संकट सामने आया था, जिसके चलते किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।

विपक्ष का आरोप, "ब्लैक मार्केट में बिक रहा डीएपी"

राज्य में विपक्ष पार्टियों में कांग्रेस और इनेलो ने खाद संकट के लिए सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में डीएपी की ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसानों को बाजार में महंगे दामों पर डीएपी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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