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हरियाणा के कनीना में चिराग योजना के तहत गरीब होनहार छात्र प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह सकते हैं। अभी तक मात्र 7 स्कूलों ने ही दाखिले के लिए सहमति जताई है। जबकि मान्यता प्राप्त सैकड़ों स्कूल है। ऐसे में बच्चों का निजी स्कूल में पढ़ने का सपना टूट सकता है।

कनीना/नारनौल: प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा विभाग में 134-ए के तहत दाखिले बंद कर संचालित की गई चिराग योजना सीएम हरियाणा इक्वल एजुकेशन रिलीफ एसिस्टेंस एंड ग्रांट के अंतर्गत निर्धन, जरूरतमंद व बीपीएल श्रेणी के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सकेंगे। इस बारे में मौलिक शिक्षा निदेशालय चंडीगढ़ की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर दाखिला देने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों की रिक्तियों की संख्या शिक्षा विभाग की वेबसाईट पर उपलब्ध है। जिसमें आवेदन का प्रारूप, गाइडलाइन की प्रति तथा विद्यालयों की सूचि भी अटैच है। लेकिन स्कूल चिराग योजना के तहत दाखिले के लिए सहमति नहीं दे रहे, जिससे बच्चों का सपना टूट सकता है।

सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र होंगे पात्र

कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि इस योजना में केवल वही विद्यार्थी पात्र होंगे, जिन्होंने चालू शिक्षा सत्र में सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण की है। ऐसे छात्र आगामी 10 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। जिन विद्यालयों में रिक्तियों की संख्या से अधिक आवेदन होते हैं, ऐसी स्थिति में 12 अप्रैल को लॉटरी सिस्टम से चयन किया जाएगा। 13 से 25 अप्रैल तक दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों की सूचि नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी।

मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों ने दाखिलों को लेकर नहीं दी सहमति

दिलचस्प बात है कि जिले में सैकड़ों की संख्या में मान्यता प्राप्त निजी स्कूल हैं। शिक्षा विभाग की ओर से जिलेभर में केवल सात स्कूलों को सूचि में दर्शाया गया है, जबकि महेंद्रगढ़ जिला आठ खंडों में विभाजित है। ये बात अलग है कि शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में पांच ब्लॉक हैं। ऐसे में खंडवार एक स्कूल भी पात्र विद्यार्थियों के हिस्से नहीं आया। संभवत प्रदेश के सभी जिलों में विद्यालयों की संख्या सीमित आंकी गई है, जिससे अभिभावकों में रोष है। ऐसे में होनहार विद्यार्थियों की ओर से निजी विद्यालय में पढ़ने के लिए संजोया सपना अधूरा रह सकता है।

निजी स्कूलों से मांगी गई थी ऑनलाइन बिलिंग

खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. विश्वेश्वर कौशिक ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से बीते समय निजी स्कूलों से ऑनलाइन बिलिंग मांगी गई थी। जिन स्कूलों से सहमति मिली, उनको ही सूचि में शामिल किया गया। जिन स्कूलों ने चिराग योजना में दाखिले के लिए सहमति नहीं दी, उनके लिए आवेदन भी नहीं किए जा सकते। इस बारे में अधिक जानकारी विभाग के उच्च अधिकारी ही दे सकते हैं।

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