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Punjab Haryana High Court: हरियाणा सिविल सेवा के टॉपर अश्विनी गुप्ता की नियुक्ति को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उठाए ठोस कदम।

Punjab Haryana High Court: हरियाणा सिविल सेवा में टॉपर रहे अश्विनी गुप्ता का कार चलाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद से ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उन पर नकेल कसना शुरु कर दिया है। दरअसल एचएससी में अश्वनी गुप्ता दृष्टिबाधित कोटे से टॉप कर चयनित हुए थे। वीडियो वायरल होने के बाद से उनकी नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। जिसे लेकर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि अश्वनी गुप्ता के सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।

पहले भी हुई थी याचिका दायर

गौरतलब है कि अश्वनी गुप्ता का ड्राइविंग लाइसेंस हिमाचल प्रदेश से जारी हुआ है। बता दें कि 18 जून 2024 को हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरफ से कहा गया था कि एचएससी में जिन 112 कैंडिडेट्स का चयन का हुआ है उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। जिसके बाद हिसार की रहने वाली रीतू ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में टॉपर अश्विनी गुप्ता के खिलाफ याचिका दायर की थी।

दस्तावेजों की होगी उचित जांच

इस याचिका में रीतू ने दृष्टिबाधित कोटे से एचसीएस टॉपर अश्वनी गुप्ता के चयनित होने पर सवाल उठाया था। रीतू ने हरियाणा हाईकोर्ट से इस मामले में जांच की मांग की थी। रीतू का कहना है कि इस मामले में उन्होंने हरियाणा सिविल सेवा आयोग से भी शिकायत की थी, लेकिन इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

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मामला हरियाणा हाईकोर्ट के संज्ञान में आया। हाईकोर्ट ने सरकार से इस मामले में ठोस कदम उठाने की मांग  की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कोर्ट को विश्वास दिलाया कि अश्वनी गुप्ता के दस्तावेजों की उचित जांच की जाएगी। जांच के बिना उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाएगी।

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