Lok Sabha Election 2024: हरियाणा में असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) और रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की भर्ती को लेकर विवाद पैदा हो गया है। इस साल एआरओ के एक्सपीरिएंस को लेकर भारतीय चुनाव आयोग को शिकायत मिली है। यह शिकायत ऑफिसर के अनुभव को लेकर आई है। इस शिकायत में कहा गया है कि चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए गए एआरओ का एक्सपीरिएंस 6 से 15 साल तक का होना चाहिए। वहीं, हरियाणा में इस साल चुनाव को लेकर 90 एआरओ की भर्ती की गई है।
शिकायत में क्या कहा गया
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार 10 अप्रैल को ECI के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को ई-मेल द्वारा इस मामले की शिकायत दी गई थी। इस शिकायत में लिखा था कि अक्टूबर 2020 में राज्य के मुख्य सचिव द्वारा एचसीएस कैडर संख्या निर्धारण आदेश वर्तमान समय में भी लागू है। इसमें स्पष्ट तरीके से कहा गया है कि एसडीओ यानी एसडीएम के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड यानी 5 से 15 साल तक की एचसीएस सेवा किए हुए अधिकारियों की ही तैनाती की जा सकती है।
राज्य में 90 एआरओ की तैनाती
हरियाणा के 10 लोकसभा सीटों को लेकर धारा 22 (1) लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत भारतीय चुनाव आयोग द्वारा फरवरी, 2024 में एक गजट नोटिफिकेशन के द्वारा 90 में से 18 असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) के अनुभव को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऐसे लगभग डेढ़ दर्जन एआरओ हरियाणा सिविल सेवा कैडर के 2020 बैच के अधिकारी हैं। वर्तमान समय में ये एआरओ राज्य के कई जिलों के उप मंडलों में बतौर उप-मंडल अधिकारी यानी एसडीओ जिन्हें एसडीएम भी कहते हैं, के पद पर तैनात हैं।
राज्य सरकार को मिला आदेश
वहीं, हेमंत कुमार ने इस मामले में चुनाव आयोग को जल्द से जल्द एक्शन लेने की मांग की है। साथ ही, हरियाणा सरकार को उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं ताकि एचसीएस कैडर में पांच साल के अनुभव वाले अधिकारियों को ही राज्य भर के उप मंडलों में एसडीओ और एसडीएम के पद के लिए तैनाती सुनिश्चित की जाए।