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हरियाणा के विस चुनाव में राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की एंट्री हो चुकी है। राहुल गांधी ने नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा व सांसद कुमारी सैलजा का हाथ मंच पर ही मिलवाते हुए एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया। वहीं, भाजपा के सियासी दिग्गज इस मामले में चुटकी लेते नजर आए।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा की सियासत और चुनावी रण  क्षेत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी व उनकी बहन प्रियंका की धमाकेदार एंट्री हो गई है। सोमवार को राहुल गांधी ने नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा व सांसद कुमारी सैलजा का हाथ मंच पर ही मिलवाया। जिस पर भाजपा के सियासी दिग्गज नेता चुटकी ले रहे हैं। उनका कहना है कि इससे कोई गुटबाजी समाप्त होने वाली नहीं, बल्कि चुटकी लेते हुए कहा कि दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते रहिए।

नारायणगढ़ से की चुनाव यात्रा की शुरूआत

सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने पंचकूला व अंबाला सीमा से सटे नारायणगढ़ से प्रचार अभियान की धमाकेदार शुरुआत की। चुनाव प्रचार की मुहिम में उतरे राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की कोशिश रही कि कांग्रेस की गुटबाजी को समाप्त करने का संदेश जनता के बीच में जाना चाहिए। इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सभा स्थल मंच पर प्रदेश के दोनों दिग्गज नेताओं हुड्डा और सैलजा के हाथ पकड़कर मिलवाए।। कुल मिलाकर कांग्रेस हाईकमान के दोनों दिग्गजों का प्रयास था कि कांग्रेस की एकता का संदेश जनता के बीच में दिया जा सके। हालांकि दोनों ही वरिष्ठ नेता शायद इस बात के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं थे।

10 दिन से ज्यादा प्रचार से दूर रही कुमारी सैलजा

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद सैलजा विधानसभा चुनाव की मुहिम से दूर रही। टिकट बंटवारे को लेकर नाराज चल रही सैलजा ने अपने इंटरव्यू में भी खुलकर अपनी बात रखते हुए नाराजगी जाहिर की थी और लगभग 10 दिनों तक चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी। उनकी नाराजगी को लेकर राष्ट्रीय मीडिया में  जमकर खबरें चली थी। सैलजा ने भी नाराजगी को छुपाया नहीं बल्कि उन्होंने खुलकर पहली बार कहा कि पार्टी का आंतरिक मामला है। उन्हें जो भी कुछ कहना होगा, वह हाईकमान के सामने बात रखेंगी। कुल मिलाकर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल जैसे नेताओं से मुलाकात के बाद ही आश्वासन मिल जाने पर सैलजा सक्रिय हुई हैं।

मुख्यमंत्री पद को लेकर भी दावेदारी

हरियाणा में भले ही कांग्रेस पार्टी हो या फिर भाजपा, दोनों में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार बनकर नेता सामने आ रहे हैं। कांग्रेस में लगातार दावेदारी हो रही है। खुद वरिष्ठ नेत्री सैलजा अपने को सीएम पद का दावेदार बता चुकी हैं। उन्होंने विस चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की थी लेकिन एन वक्त पर हाईकमान ने इजाजत नहीं थी। सैलजा ने हर बार एक बात कही कि सीएम पद पर अंतिम फैसला हाईकमान पर छोड़ती हैं। कांग्रेस के एक अन्य नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी सीएम की रेस में खूद को बताया। विपक्ष हो या कांग्रेस के अपने लोग, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे पर सियासी हमले बोल रहे हैं।

हुड्डा साफ कर चुके, सैलजा वरिष्ठ नेत्री

नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूरे विवाद को लेकर कहा कि भाजपा इस बात को बिना वजह तूल दे रही है। सैलजा पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और उनके बारे में व्यक्ति का टिप्पणी करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हुड्डा ने साफ किया कि सैलजा पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दरअसल सैलजा व दलित समुदाय को लेकर एक बुजुर्ग द्वारा टिप्पणी के बाद में अच्छा खासा विवाद हो गया था। हुड्डा भी बोल चुके हैं, विधायकों द्वारा अपना नेता चुना जाएगा और हाईकमान द्वारा इस पर अंतिम फैसला किया जाता है।

सैलजा को मनोहर लाल दे चुके ऑफर

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा सैलजा को भाजपा ज्वाइन करने का ऑफर दिया गया था। भाजपा के नेता विधानसभा के इस चुनाव में नया नैरेटिव बनाकर दलित समाज का अपमान बता रही थी। भाजपा के नेताओं वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी और अन्य ने इसको विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास किया था लेकिन सैलजा के मान जाने के बाद में यह मामला ठंडा पड़ चुका का है।

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