Haryana Illegal Mining Controversy: राजस्थान सरकार की ओर से अरावली में हरियाणा को जोड़ने वाली 6 अवैध सड़कों को बंद कर गया है। बता दें कि इन सड़कों को खनन माफिया द्वारा अवैध रूप से बनाया जा रहा था। इसे लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल ने जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा भजनलाल ने सीएम सैनी को लेटर लिखकर खनन माफिया से जुड़ी समस्या के बारे मेंं बताया है।
दोनों राज्यों के बीच अवैध सड़क - सीएम भजन लाल शर्मा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा है कि अवैध खनन के लिए हमारी नीति शून्य-सहिष्णुता वाली है। इसे रोकने के लिए कईं उपाय किए गए हैं। उनका कहना है कि खनन माफिया दोनों राज्यों के बीच अवैध सड़कें बना रहे हैं। इन सड़कों का इस्तेमाल अवैध रूप से खनन किए गए संसाधनों को ले जाने के लिए किया जा रहा है।
राजस्थान के सीएम का कहना है कि उनके पास दोनों राज्यों के बीच खनन संसाधनों के परिवहन के लिए अवैध रूप से रास्ते बनाने के लिए पहाड़ियों को हटाने तथा पेड़ों को गिराने की सूचना आ रही रही थी, जिसके बाद उन्होंने इस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत- भजन लाल शर्मा
मामले को लेकर राजस्थान के सीएम ने यह भी कहा कि इस काम में स्थानीय अधिकारियों की भी मिलीभगत है। इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस अपराध में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र में ऐसी सड़कों को बंद कर दें। राजस्थान के सीएम ने कहा कि 'हमने इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए हरियाणा को सतर्क कर दिया है।
पुलिस और डीग प्रशासन की संयुक्त टीम ने बाद में हरियाणा को जोड़ने वाली कम से कम छह अवैध सड़कों पर कार्रवाई शुरू की। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है और पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है। इन ‘अवैध रास्तों’ में डीग के पहाड़ी गांव को हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका से जोड़ने वाला 6 किलोमीटर लंबा रास्ता भी शामिल।'
इन सड़कों किया गया बंद
राजस्थान के पहाड़ी क्षेत्र में खनन क्षेत्र को फिरोजपुर झिरका से जोड़ने के लिए 6 किलोमीटर की चार और सड़कें नांगल (राजस्थान) से बसई (हरियाणा), छपरा (राजस्थान) से बसई, विजासना (राजस्थान) से घाटा शमशाबाद (हरियाणा) और डहराली (राजस्थान) से बसई बनाई गई हैं।
वन विभाग का आरोप है कि चकबंदी अधिकारी और सरपंच ने रास्तों को वैध कराने के लिए खसरा नंबर बदल दिया। विभाग ने अधिकारी पर 99 लाख रुपए और सरपंच पर 31 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। जुर्माना अदा न किए जाने पर फिरोजपुर झिरका कोर्ट में मामला दायर किया गया। पर्यावरणविदों की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण का दरवाजा खटखटाया।
दोनों राज्यों के बीच हुई थी बैठक
हरियाणा-राजस्थान सीमा पर खनन माफिया का उत्खनन जारी है, क्योंकि प्रवर्तन ने इस मामले से हाथ पीछे कर लिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों राज्य अरावली में क्षेत्रीय सीमाओं को लेकर भ्रम का हवाला देकर जिम्मेदारी दूसरे पर डाल रहे हैं। पहले भी इस मामले को लेकर दोनोंं राज्यों के बीच बैठक हुई हैं। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर हुई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यहां तक कि बैठक का भी कोई हल नहीं निकला।
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