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Rampal Majra News: हरियाणा इंडियन नेशनल लोकदल के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा है कि वह पुराने और नए कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जिम्मेदारी को निभाएंगे और प्रदेश की सभी सीटों पर पार्टी लोकसभा का चुनाव लड़ेगी।

New State President of INLD: हरियाणा के पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा की इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में वापसी हो गई। माजरा ने आज 20 मार्च को चंडीगढ़ में घर वापसी किया। इसके साथ ही रामपाल माजरा को INLD का प्रदेश अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। इस दौरान माजरा ने कहा कि वह पुराने और नए कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जिम्मेदारी को निभाएंगे। इसके साथ ही पार्टी के प्रधान महासचिव विधायक अभय चौटाला की कोशिशें आखिर सफल हो गई।  

25 फरवरी को हुई थी नफे सिंह की हत्या

बता दें कि 25 फरवरी को नफे सिंह राठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इनेलो प्रदेश अध्यक्ष की सीट खाली थी। रामपाल ने 2019 में इनेलो को छोड़कर बीजेपी का हाथ थामा लिया था। हालांकि, कुछ ही समय बाद उन्होंने कृषि कानून का हवाला देकर बीजेपी को भी अलविदा कह दिया था। रामपाल माजरा की गिनती प्रदेश के दिग्गज नेताओं में होती है। वे तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। 

INLD प्रदेश की सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव

दरअसल, करीब दस दिन पहले अभय चौटाला अचानक कैथल स्थित रामपाल माजरा के निवास पर पहुंचे थे। उन्होंने माजरा के सामने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इनेलो का प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद ओम प्रकाश चौटाला ने माजरा से बातचीत की। जिसे वे मना नहीं कर पाए। इसके चलते वह फिर से घर वापसी कर गए।

सीएम नायब सैनी पर साधा निशाना

नवनियुक्त अध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा है कि वह पुराने और नए कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जिम्मेदारी को निभाएंगे। इस दौरान उन्होंने राज्य के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चेहरा बदलने से सत्ता विरोधी लहर कम नहीं होगी, नायब सिंह सैनी एक डमी सीएम हैं। यही नहीं रामपाल माजरा ने कहा कि इनेलो हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत दर्ज करेगी। 

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माजरा का राजनीतिक करियर

बता दें कि रामपाल माजरा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 1978 में गांव माजरा नंदकरण की सरपंची से शुरू किया था। वह पहली बार वर्ष 1996 में विधायक बने। इस चुनाव में उन्होंने पाई विधानसभा से समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार नर सिंह ढांडा को हराया। वर्ष 2000 में उन्होंने इनेलो की टिकट पर कांग्रेस के तेजेंद्र पाल मान को हराया था, लेकिन वर्ष 2005 के चुनाव में वह मान से हार गए।

माजरा ने वर्ष 2009 में कलायत विधानसभा से इनेलो टिकट पर चुनाव लड़ा और प्रतिद्वंद्वी तेजेंद्रपाल मान को हराकर तीसरी बार विधायक बने। वर्ष 2014 के चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी से हार गए। वर्ष 2019 में उन्होंने इनेलो को छोड़ कर भाजपा का दामन थामा, लेकिन ज्यादा दिन यहां नहीं रुके। कृषि बिलों के विरोध का हवाला देते हुए उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी। हालांकि, अब रामपाल माजरा को फिर से इनेलो में वापसी करने पर माना जा रहा है कि इससे लोकसभा चुनाव में इनेलो को फायदा मिल सकता है।

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