Haryana: हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन सम्बन्धी नियमों के नियम 58 के तहत बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का विधायक पद से त्याग-पत्र स्वीकार कर लिया। रणजीत चौटाला ने मंगलवार को विधान सभा अध्यक्ष के सम्मुख प्रस्तुत होकर त्याग पत्र की पुष्टि की। उन्होंने अपना त्यागपत्र संदेशवाहक के माध्यम से 24 मार्च को विधानसभा सचिवालय को भेजा था। इसकी पुष्टि के लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने उन्हें पहले 23 अप्रैल को और बाद में 30 अप्रैल को उपस्थित होने के लिए पत्र लिखा था।
23 अप्रैल को निजी कारणों के चलते नहीं पहुंच पाए थे रणजीत
रणजीत सिंह चौटाला ने विस अध्यक्ष को फोन कर निजी कारणों का हवाला देते हुए 23 अप्रैल को विधान सभा पहुंचने में असमर्थता व्यक्त की थी। विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें 30 अप्रैल को आने के लिए कहा था। 30 अप्रैल को चौटाला विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के सम्मुख प्रस्तुत हुए और अपने त्याग पत्र की पुष्टि की। गौरतलब है कि हरियाणा विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन सम्बन्धी नियमों के नियम 58 में त्याग-पत्र देने और उसे स्वीकार करने की व्यवस्था दी गई है। इस नियम के भाग (1) के उपभाग (क) में कहा गया है कि यदि कोई सदस्य, अध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से अपना त्याग-पत्र देता है तथा अध्यक्ष को उसके प्रतिकूल कोई सूचना नहीं है तो उसे तुरन्त स्वीकार किया जा सकता है।
डाक या किसी सदस्य के हाथ इस्तीफा भेजने पर करतें हैं पुष्टि
विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि नियम 58 के भाग एक के उपभाग (ख) में कहा गया है कि यदि विधान सभा का कोई सदस्य डाक द्वारा अथवा किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से अपना त्याग पत्र भेजता है तो विधान सभा अध्यक्ष त्याग पत्र देने वाले सदस्य से इसकी पुष्टि करेंगे। पुष्टि के बाद ही त्याग-पत्र स्वीकार किया जा सकता है। इसी नियम के उपभाग (ग) में कहा गया है कि कोई भी सदस्य अपने त्याग-पत्र को अध्यक्ष द्वारा इसके स्वीकार किए जाने से पूर्व किसी भी समय वापस ले सकता है।