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हरियाणा की गुरुग्राम लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को जीत दर्ज करने के लिए अपने समर्थकों पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है। पार्टी के कई पुराने और धुरंधर नेताओं की उनके चुनाव प्रचार से दूरी बनी रह सकती है।

नरेन्द्र वत्स, Rewari: प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों को फतह करने के लिए एकजुटता का दावा करने वाली भाजपा में गुरुग्राम सीट को लेकर एकजुटता का प्रदर्शन करने की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं। इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को जीत दर्ज करने के लिए अपने समर्थकों पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है। पार्टी के कई पुराने और धुरंधर नेताओं की उनके चुनाव प्रचार से दूरी बनी रह सकती है। इन नेताओं की ओर से राव के पक्ष में प्रचार मैदान में उतरने के कोई संकेत नहीं दिए गए। रूठे भाजपा नेताओं को मनाने के लिए राव की ओर से भी अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।

तीन बार कांग्रेस व दो बार भाजपा की टिकट पर बने सांसद

तीन बार कांग्रेस और दो बार भाजपा की टिकट पर संसद तक पहुंचने के बाद राव इंद्रजीत सिंह छठी बार भाजपा की टिकट पर गुरुग्राम से भाग्य आजमा रहे हैं। 2013 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले राव इंद्रजीत सिंह की शुरू से ही पार्टी के अधिकांश सीनियर नेताओं से दूरी बनी हुई है। भाजपा में आने के बाद तो राव ने इन नेताओं को कोई खास महत्व नहीं दिया और न ही इन नेताओं ने राव को। 2019 के विधानसभा चुनावों में तो राव को मात देने के लिए रेवाड़ी हलके में भाजपा के कई नेता अंदरखाने लामबंद्ध हो गए थे। इन नेताओं की नाराजगी के चलते ही पार्टी ने रेवाड़ी सीट हाथ से निकाल दी थी।

रणधीर कापड़ीवास ने राव समर्थित उम्मीदवार को हराने के लिए लड़ा था चुनाव

पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास ने राव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनके समर्थित प्रत्याशी सुनील मुसेपुर को हराने के लिए इंडीपेंट चुनाव लड़ा था। तीसरे नंबर पर रहते हुए कापड़ीवास भाजपा प्रत्याशी को भी अपने साथ ले डूबे थे। इसके बाद कापड़ीवास को 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया। नायब सैनी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद तत्कालीन सीएम मनोहरलाल और प्रदेशाध्यक्ष की जोड़ी ने कापड़ीवास को फिर से भाजपा ज्वाइन कराई। पार्टी संगठन में राव से दूरी रखने वाले कई नेताओं को महत्वपूर्ण स्थान देकर भाजपा ने उनके समर्थकों को झटका देने का काम किया था। इनमें से कुछ नेता तो राव की टिकट कटने की उम्मीद के साथ खुद गुरुग्राम से टिकट की दावेदारी जता रहे थे।

भाजपा में राव विरोधियों की लंबी फेहरिस्त

भाजपा में कापड़ीवास के साथ-साथ पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व सांसद डॉ. सुधा यादव, पर्यटन निगम के चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता व कई अन्य नेताओं की राव से राजनीतिक दूरी बरकरार है। कापड़ीवास और नरबीर अलवर में भूपेंद्र यादव के पक्ष में प्रचार करते नजर आ चुके हैं। अरविंद को पार्टी ने चुनाव मुख्यालय में जिम्मेदारी दी हुई है। चुनाव प्रचार के दौरान यह नेता और उनके समर्थक शायद ही राव के लिए खुले दिल से वोट की अपील करते नजर आएं।

मेवात के लोगों का दिल जीतने का प्रयास

राव इंद्रजीत सिंह को अहीर बेल्ट में गत लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी लोगों का व्यापक समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस बार मेवात क्षेत्र में जीत का खाता खोलने के लिए पूरी ताकत लगानी शुरू कर दी। उनके प्रचार अभियान की शुरूआत मेवात में बीते वीरवार को कार्यकर्ता सम्मेलन के रूप में हुई है, जहां उन्होंने मेवात के लोगों का दिल जीतने के लिए भावनात्मक पासा फेंकने का प्रयास किया। इस बार संभवतया अपना आखिरी चुनाव बताकर मेवात के लोगों से पुस्तैनी जुड़ाव की यादों को ताजा करने का प्रयास किया।

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