Haryana: हरियाणा के आईएएस डॉ. डी सुरेश को राज्य सूचना आयोग से राहत मिल गई है। राज्य सूचना आयोग ने जन सूचना अधिकारी को 15 दिन के भीतर उनकी तरफ से मांगी सूचना मुहैया कराने का आदेश दिया है। मुख्य सूचना आयुक्त विजय वर्धन ने इस अपील की सुनवाई करने के बाद 16 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रखा था, जो अब सुनाया है। इस निर्णय के बाद डॉ. डी सुरेश को राहत मिली है।
एसीबी की तरफ से जांच की मंजूरी के लिए मांगी थी सूचना
डी सुरेश ने 10 अगस्त 2023 को मुख्य सचिव कार्यालय (CSO) के जन सूचना अधिकारी से उनके विरुद्ध शुरू की गई एसीबी की तरफ से जांच नंबर 12, 13, 14 और 17 A की मंजूरी की सूचना मांगी थी। जन सूचना अधिकारी ने यह सूचना नहीं दी, क्योंकि जांच नंबर 13 , 14 की एसीबी की जांच रिपोर्ट सरकार के पास विचाराधीन है। सरकार ने इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। जब तक सरकार किसी नतीजे पर नहीं पहुंच जाती, तब तक डॉ. डी सुरेश के खिलाफ कोई जांच के आदेश नहीं दिए जा सकते।
एसीबी पर अवैध रूप से जांच करने का डी सुरेश ने लगाया था आरोप
आईएएस डॉ. डी सुरेश ने कहा कि एसीबी की तरफ से उनके खिलाफ की गई जांचें अवैध हैं, क्योंकि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 17 ए की जरूरी अनुमति सरकार से नहीं ली गई है। उन्होंने दलील दी कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एसीबी के रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा की गई जांच भी अवैध है।
हाईकोर्ट में जांच रद्द की कर चुके हैं मांग
डॉ. डी सुरेश ने हाईकोर्ट में इन अवैध जांचों को चुनौती दे रखी है, क्योंकि पीसी एक्ट की जरूरी मंजूरी लिए बगैर ये शुरू की गई। उन्होंने हाईकोर्ट से इन अवैध जांचों को रद्द करने का आग्रह किया हुआ है। हालांकि अभी भी हाईकोर्ट में उनकी याचिका को लेकर मामला विचाराधीन है और अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में डॉ. डी सुरेश को मुख्य सचिव कार्यालय से भी बड़ी राहत मिल गई है।