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Rewari: साउथ रेंज साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। 1930 नंबर पर साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराने के बाद साइबर थाना पुलिस के लिए शिकायतों को पेंडिंग रखना आसान नहीं रहा।

Rewari: साउथ रेंज साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। 1930 नंबर पर साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराने के बाद साइबर थाना पुलिस के लिए शिकायतों को पेंडिंग रखना आसान नहीं रहा, जिस कारण आए दिन पुलिस थाने में ऐसी शिकायतों को एफआईआर में बदलना पड़ रहा है। इसके बाद पुलिस के लिए जांच कर, दोषियों की धरपकड़ करना मजबूरी बन जाता है। पुलिस ने पोर्टल पर शिकायतों के आधार पर साइबर ठगी के दो केस दर्ज किए हैं।

साइबर थाना पुलिस के पास लगभग हर दिन साइबर ठगी की कई शिकायतें आती हैं। जांच के नाम पर इन शिकायतों को एफआईआर में बदलने की दिशा में कदम नहीं उठाए जाते। कई शिकायतें एक साल से भी अधिक समय से पेंडिंग चल रही हैं, जिन पर जांच के नाम पर भी कुछ नहीं हो रहा। थाने में दो-दो साल तक पुरानी शिकायतें भी धूल फांक रही हैं। इन शिकायतों को एफआईआर में उसी समय कन्वर्ट किया जाता है, जब पुलिस आरोपियों को पकड़ने में कामयाब हो जाती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर ठगी की वारदातों पर तुरंत एक्शन के लिए बनाए गए एमएचए पोर्टल और डायल-1930 पर दर्ज कराई गई शिकायतों को ज्यादा समय तक दबाए रखना आसान नहीं है। यही कारण है कि गत दो माह से साइबर ठगी के मामलों में एफआईआर की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। साल के पहले 10 माह के दौरान साउथ रेंज साइबर पुलिस स्टेशन में 29 एफआईआर ही दर्ज हुई थीं, जबकि नवंबर और दिसंबर माह में अब तक 15 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। यह एफआईआर पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर ही दर्ज हो रही हैं।

आर्मी के जवान को लगाया चूना
आर्मी में तैनात रामगढ़ निवासी अमित कुमार ने डायल-1930 नंबर पर दर्ज शिकायत में बताया कि वह छुट्टी लेकर घर आया हुआ है। 17 दिसंबर को उसके पास एक नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को चौहान सर बताया था। चौहान ने बताया कि वह अपने बेटे के पास पैसे भेजना चाह रहा है, परंतु नेटवर्क की खराबी के कारण पैसे नहीं जा रहे हैं। उसने एक नंबर देकर उस पर पैसे ट्रांसफर करने की बात कही। उसने बताए गए नंबर पर 5 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में उसे पता चला कि उसके साथ फ्रॉड किया गया है। साइबर थाना पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी।

पैसे भेजने के नाम पर बनाया शिकार
नांगलिया रणमोख निवासी मनीषा यादव ने डायल-1930 पर शिकायत दर्ज कराई कि उसके पास एक नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि तुम्हारे पिता ने मुझे 3500 रुपये आपके पास भेजने के लिए दिए हैं। उसने 3500 रुपये भेजने का स्क्रिन शॉट उसके पास भेज दिया। उसके बाद उसने दोबार फोन करके बताया कि उसने गलती से उसके पास 35 हजार रुपये भेज दिए हैं, इसलिए वह बाकी 31500 रुपये उसे वापस भेज दे। उसकी बातों पर विश्वास करते हुए उसने यह राशि भेज दी। बाद में पता चला के उसके साथ साइबर फ्रॉड किया है। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी।

मददगार साबित हो रहा 1930
एसपी दीपक सहारण ने बताया कि साइबर फ्रॉड होने के बाद डायल-1930 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद फ्रॉड की राशि जाने वाले खाते को तुरंत सीज करा दिया जाता है। इस नंबर पर आने वाली कॉल पर तत्काल एक्शन लिया जाता है, जिस कारण रिकवरी आसान हो जाती है। फ्रॉड होने के बाद संबंधित लोगों को इस नंबर शिकायत जरूर दर्ज करानी चाहिए।

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