Rewari: रोडवेज डिपो के ड्यूटी सेक्शन में भले ही कितनी भी मनमानी चलती रहे, कर्मचारी किसी भी सूरत में उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे। इसी तरह का फरमान रोडवेज जीएम की ओर से सभी कर्मचारियों को जारी कर दिया है, जिसमें मीडिया को कोई भी सूचना देने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने की चेतावनी दी है। जीएम की ओर से कर्मचारियों को इस संदर्भ में बाकायदा पत्र जारी कर दिया गया है।
ड्यूटी सेक्शन में सुविधा शुल्क वसूली हावी
डिपो के ड्यूटी सेक्शन में इस समय भाई-भतीजावाद से लेकर सुविधा शुल्क वसूली पूरी तरह हावी हो चुकी है। इसी के चलते 2016 व इसके बाद के बैच के कई चालक आरामदायक सीटों पर विराजमान हैं, जबकि उनके सीनियर और सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच चुके चालक बसों को चला रहे हैं। विभाग के डीजी की ओर से सख्त आदेश जारी किए हुए हैं कि जूनियर चालकों को हर हाल में रूट पर भेजा जाए। इसके विपरीत अभी तक कई ऐसे नौजवान और जूनियर चालक बस स्टैंड से लेकर दूसरे स्थानों पर ड्यूटी दे रहे हैं। डीजी के आदेशों पर गत वर्ष तत्कालीन जीएम रवीश हुड्डा ने तुरंत एक्शन लेते हुए जूनियर चालक और परिचालक दूसरे कार्यों से हटाकर रूटों पर चला दिए थे, लेकिन अब हालात फिर से वही बने हुए हैं।
चालकों की कमी के कारण बड़ी संख्या में मिस हो रही बस
डिपो में वैसे ही चालकों की कमी के कारण बड़ी संख्या में बसें मिस हो रही हैं। इसके बावजूद आराम फरमाने वाले चालकों को बस चलाने से दूर रखा जा रहा है। अब रोडवेज जीएम की ओर से पत्र के माध्यम से अधिनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को सूचित किया गया कि वह मीडिया या सोशल मीडिया को किसी तरह की कोई टिप्पणी या बाइट नहीं देंगे। ऐसा करने वाले अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ हरियाणा सिविल सेवा अधिनियम के तहत एक्शन लिया जाएगा। पत्र में डिपो की छवि खराब होने का जिक्र भी किया गया है।
महेंद्रगढ़ की लास्ट बस भेजी वाया कोसली
प्राइवेट बस ऑपरेटर अधिकारियों पर किस तरह से हावी हो रहे हैं, इसका और ताजा नमूना बुधवार शाम को देखने को मिला। डिपो की महेंद्रगढ़ रूट पर जाने वाली अंतिम बस को शाम 7:45 बजे रवाना होना था। सवारियों से भरी इस बस को खाली करा दिया गया। बाद में इस बस को कोसली के लिए रवाना कर दिया गया। महेंद्रगढ़ के यात्रियों को इस बस के तुरंत बाद रवाना होने वाली बस से रवाना होना पड़ा। कोसली जाने के बाद महेंद्रगढ़ नाइट करने वाली बस पूरी तरह खाली देर रात वहां पहुंची।
50 चालक-परिचालक दूसरी ड्यूटी पर
डिपो के पचास चालक और परिचालक रूटों पर चलने की बजाय दूसरी ड्यूटी कर रहे हैं। 24 जनवरी को रोडवेज की हड़ताल से पहले जीएम ने दूसरी ड्यूटी करने वाले चालक-परिचालकों को अपनी मूल ड्यूटी पर लौटने के आदेश जारी किए थे। इनमें 35 चालक और 15 परिचालक शामिल हैं। लगभग 80 फीसदी बाद के बैच के जूनियर हैं, जिन्हें नियमानुसार रूटों पर चलना चाहिए। हड़ताल खत्म होने के बाद उन्हें फिर से पुराने स्थान पर भेज दिया गया। यह चालक-परिचालक अपनी सुविधा के अनुसार ड्यूटी लगवाने में सफल हो रहे हैं।
रूट भी मनमाफिक तरीके से हो रहे अलॉट
सूत्रों के अनुसार रूटों पर चलने वाले चालक परिचालकों को रूट भी उनकी सुविधा और कमाई के आधार पर दिए जा रहे हैं। सिफारिश और सुविधा शुल्क का इस्तेमाल करने से वंचित चालक-परिचालकों को बार-बार अलग-अलग रूटों पर भेजा जाता है, जबकि इन दोनों का इस्तेमाल करने वाले लंबे समय से एक ही रूट पर चल रहे हैं। कुछ परिचालकों को एक ही रूट पर लगातार चलने का चस्का लगा हुआ है, जिनका रूट बदलते ही फिर से उसी रूट पर वापसी के प्रयास शुरू हो जाते हैं।
स्टाफ की कमी के चलते दूसरी ड्यूटी
रोडवेज डिपो के जीएम देवदत्त शर्मा ने बताया कि डिपो के विभिन्न दफ्तरों में स्टाफ की कमी होने के कारण चालक और परिचालकों से काम लिया जाता है। ऐसा नहीं करने से दफ्तरों का कार्य भी बाधित हो जाता है। दफ्तरों में ऐसे चालक-परिचालकों की छंटनी करके उन्हें रूटों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। डिपो में किसी भी तरह की अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।