Rewari: रेलवे फाटकों की जगह अंडरपास बनाने की रेल विभाग की योजना का विरोध होना शुरू हो गया है। रोहतक रेल मार्ग पर गेट नंबर एलसी-8 पर अंडरपास बनाने से पहले वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने की मांग पर नांगलिया रणमोख के ग्रामीण रेलवे लाइन के पास धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उनका अनिश्तिकालीन धरना निरंतर चलेगा। बिना वैकल्पिक मार्ग के वह अंडरपास निर्माण का काम शुरू नहीं होने देंगे।
रेलवे फाटक पर प्रस्तावित है अंडरपास
सभी रेलवे फाटकों के स्थान पर अंडरपास बनाए जाने की योजना को रेल विभाग काफी समय से अमलीजामा पहना रहा है। इसी कड़ी में रोहतक नेशनल हाइवे से नांगलिया रणमोख को जोड़ने वाली सड़क से रेल फाटक बंद करने और अंडरपास का निर्माण कराने की योजना है। करीब एक वर्ष पूर्व भी ठेकेदार ने सरिए डालकर अंडरपास निर्माण की तैयारी शुरू की थी, परंतु ग्रामीणों के विरोध के कारण काम शुरू नहीं हो सका। एक बार फिर से कार्य शुरू करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने कार्य रुकवाने के लिए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
मुख्य मार्ग तक जाने का दूसरा रास्ता नहीं
फाटक नंबर 8 से गुजरने वाली सड़क ही गांव को रोहतक-रेवाड़ी मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ती है। इसी सड़क से किसान लाइन पार अपने खेतों में जाते हैं। अंडरपास का निर्माणकार्य पूरा होने में करीब साल तक का समय लग सकता है। ऐसे में ग्रामीणों को बिना रास्ते भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मुख्य मार्ग से लेकर खेतों तक जाने के लिए ग्रामीणों को काफी लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा।
बिना मुआवजा दिए ब्लॉक किया रास्ता
धरने पर बैठे सुधीर सरपंच, बलबीर सिंह, शिवलाल, बलवंत सिंह ने बताया कि रेल विभाग के इस फाटक से करीब 200 मीटर दूरी पर पंचायत के रास्ते को भी ब्लॉक कर दिया था। उसके बदले मुआवजे के तौर पर पंचायत को फूटी कोड़ी तक नहीं दी गई। इस रास्ते पर अंडरपास बनाने के लिए रेल विभाग दो करोड़ रुपए की राशि जमा कराने की शर्त रख रहा है।
अंडरपास के बाद भी बनी रहेगी समस्या
ग्रामीणों का कहना है कि वैकल्पिक मार्ग के बिना अंडरपास का निर्माण होने के बाद भी उनकी समस्या बरकरार रहेगी। काफी समय पहले एलसी 7 व 9 पर अंडरपास का निर्माण हुआ था, लेकिन आज तक उन पर टीन शेड नहीं डला। बारिश के समय जलभराव होने से इन अंडरपास से निकलना मुश्किल हो जाता है। निर्माण होने के बाद इस अंडरपास के हालात भी वैसे ही बन सकते हैं।