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हरियाणा के यमुनानगर में बढ़ता तापमान किसानों के लिए चिंता खड़ी कर रहा है। तापमान 33 डिग्री पहुंच चुका है, जिससे गेहूं की पैदावार पर असर पड़ने के आसार बने हुए है। कृषि विभाग ने दिन के समय फसल में सिंचाई करने से मना किया है, ताकि फसल पर अधिक असर न पड़े।

Yamunanagar: मौसम में अचानक बढ़े तापमान से खेतों में पकने को तैयार खड़ी गेहूं की पैदावार पर असर दिखना शुरू हो गया है। किसानों की मानें तो यदि मौसम में तापमान अगले कुछ दिन तक इसी तरह बढ़ता रहा और तेज हवा चलती रही तो गेहूं की पैदावार कम होने की आशंका है और यह समय से पहले पक सकती है। जिसे लेकर किसान चिंतित हो उठे हैं। वहीं कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बढ़ते तापमान और तेज हवा के चलते दिन के समय सिंचाई न करने की सलाह दी। उधर, बुधवार को जिले का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

75 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई

विभागीय आंकड़ो के मुताबिक इस वर्ष जिले में करीब 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई है। इस समय खेतों में गेहूं की अगेती फसल पकने को तैयार खड़ी है, जबकि पछेती किस्म की गेहूं में बालियों में दाना पड़ने लग रहा है। ऐसे में यदि तापमान बढ़ता रहा तो गेहूं की बालियों में दाना पिचक कर पैदावार कम कर सकता है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल गेहूं ज्यादा तापमान सहन करने लायक नहीं है। अगले कुछ दिनों तक गर्मी यूं ही बढ़ी तो गेहूं का दाना पिचक जाएगा। गेहूं का दाना अगर पिचका तो निश्चित ही पैदावार कम होगी।

हवा चलने से गेहूं की फसल में नहीं हो रही सिंचाई

किसानों का कहना है कि मौसम में जहां तापमान बढ़ने लगा है, वहीं हवा के झोंके भी चल रहे हैं। ऐसे में किसान अपनी गेहूं की फसल में अंतिम सिंचाई नहीं कर पा रहे। क्योंकि ऐसे में फसल में पानी देना गेहूं की फसल को बर्बाद करने के समान है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. महेश ने किसानों को बढ़ते तापमान में गेहूं की फसल में दिन के समय सिंचाई नहीं करने की सलाह दी। किसानों को चाहिए कि गेहूं की फसल में हवा बंद होने पर रात्रि के समय ही सिंचाई करें।

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