Fatehabad: सरपंच एसोसिएशन ने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने प्रदेश के सरपंचों की मांगों को नहीं माना तो आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी पंचायतें बीजेपी का विरोध करेंगी। सरपंचों ने वीरवार को अपनी मांगों को लेकर फतेहाबाद में प्रदर्शन भी किया। सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने प्रदेश सरकार और पंचायत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही अतिरिक्त उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों द्वारा बीजेपी का विरोध किया जाएगा।
पंचायत मंत्री पर लगाया चहेतों को टेंडर देने का आरोप
सरपंच एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदेश के पंचायत मंत्री पर आरोप लगाया कि हाऊस रिपेयर के नाम पर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें टेंडर अलॉट किए। साथ ही पंचायत मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और प्रदेश सरकार से इस मामले में जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आए दिन सरपंचों को लेकर तानाशाही फरमान जारी कर रही है। पहले ई-टेंडरिंग, फिर राइट टू रिकॉल और अब फंड खर्च न करने वाली पंचायतों पर कार्रवाई की बात कहकर भाजपा सरकार अपनी कमजोरियों को छिपाना चाहती है।
पंचायतों को बदनाम करने की रची जा रही साजिश
सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने कहा कि गांवों में विकास न होने की बात कहकर पंचायतों को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। पंचायतों के पिछले 6-6 महीनों से विकास कार्यों के टेंडर नहीं लग रहे। सरपंचों से सरकार ने सारे अधिकार छीन लिए हैं। ई-टेंडरिंग को भ्रष्टाचार की जननी बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और उसके मंत्री केवल अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें ठेके दिला रहे हैं। ऐसे में पंचायतों में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। फतेहाबाद जिले में 90 प्रतिशत टेंडर मंत्री के चहेते ठेकेदारों को दिए गए हैं।
पंचायतों के बांध रखे हैं हाथ, फिर भी क्षमता अनुसार करवा रहे काम
रणबीर सिंह गिल ने कहा कि भाजपा सरकार ने पंचायतों के हाथ बांध दिए हैं लेकिन सरपंचों के पास जितने अधिकार है, उसी हिसाब से वे गांवों में काम करवा रहे हैं। अगर सरकार सरपंचों को पूरे अधिकार दे तो सरपंच गांवों को चमका देंगे। पंचायत मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हाऊस रिपेयर के लिए जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल रहा, जबकि मंत्री के चहेतों के खाते में हाऊस रिपेयर के नाम पर लाखों रुपए डाले जा रहे हैं। सरकार इस भ्रष्टाचार की तुरंत जांच करवाए। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतें एकजुट हैं और गांव-देहात को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
पीएम को भेजा मांग पत्र
पीएम को भेजे ज्ञापन में सरपंचों ने संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 अधिकार पूर्ण रूप से देने, राइट टू रिकॉल व ई-टेंडरिंग जैसे फरमान निरस्त करने व पंचायतों के प्रस्ताव में विधायक के हस्तक्षेप को बंद करने की मांग की। पंचायत अपना कार्य करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होनी चाहिए।