Cooperative Scam: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में 100 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया। टीम ने इस मामले में 10 वरिष्ठ अधिकारियों और चार निजी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि जांच में यह घोटाला सामने आया है।
सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समिति द्वारा ऑडिटर की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा राशि से निजी हित में फ्लैट और जमीन खरीदी जा रही थी। इन अधिकारियों की ओर से सरकारी रिकॉर्ड में बैंक खाते के डिटेल भी जाली लगाया गए थे। इस पूरे मामले में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। आरोपियों के खिलाफ करनाल और अंबाला रेंज में कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ये अधिकारी थे घोटाले में शामिल
पुलिस महानिदेशक ने आगे बताया कि एसीबी ने अब तक जांच में शामिल 6 राजपत्रित अधिकारियों, आईसीडीपी रेवाड़ी के चार अन्य अफसरों और चार निजी व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई है। इन आरोपियों में ऑडिट असर बलविंदर, डिप्टी चीफ ऑडिटर योगेंद्र अग्रवाल, जिला रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, करनाल रोहित गुप्ता, सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति( ARCS) अनु कौशिक ,रामकुमार, जितेंद्र कौशिक, कृष्ण बेनीवाल शामिल हैं।
वहीं, विभाग के आईडीपी रेवाड़ी में अकाउंटेंट सुमित अग्रवाल, डिवेलपमेंट अधिकारी विजय सिंह और नितिन शर्मा की गिरफ्तारी की गई है। इसी मामले में चार निजी व्यक्तियों नताशा कौशिक, जीत, सुभाष और रेखा को भी गिरफ्तार किया गया है।
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कैसे किया घोटाला
सहकारिता विभाग हरियाणा द्वारा सहकारी विकास परियोजना संचालित की जा रही थी। इस परियोजना के तहत ग्रामीण तथा कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हुए विकास कार्य करवाए जाते हैं और सहकारी समितियों का विकसित किया जाता है। हरियाणा ACB के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी किसी भी विभाग का क्यों ना हो, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई जरूर की जाएगी। ब्यूरो की टीम पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वचनबद्ध है और आगे भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा।