Ambala: शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों के खिलाफ राष्ट्रीय कानून अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई के फैसले से पुलिस कुछ घंटे में ही पलट गई। इसको लेकर पुलिस की ओर से कई किसान नेताओं के घरों के बाहर पोस्टर भी चस्पाए गए। उधर किसान संगठनों की ओर से पुलिस की इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया गया। उनका आरोप है कि पुलिस जानबूझकर उनके परिजनों को परेशान कर रही है।
नुकसान का आंकलन कर रहा प्रशासन
दिल्ली कूच को लेकर कई किसान संगठन शंभू बॉर्डर पर पिछले 11 दिनों से डटे हुए हैं। इनमें कई संगठन हरियाणा से जुड़े हैं। इन संगठनों से जुड़े नेता व किसान लगातार एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की ओर से दिल्ली कूच को लेकर शंभू बॉर्डर पर पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेट्स को तोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस की माने तो इस दौरान सरकारी व प्राइवेट संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया जा चुका है। इस नुकसान का अभी आंकलन किया जा रहा है। पुलिस की ओर से किसान नेताओं के घरों के बाहर चस्पाएं गए पोस्टरों में कहा गया कि सरकारी व प्राइवेट संपत्ति को पहुंचाए जा रहे नुकसान की भरपाई उनकी संपत्ति व बैंक खातों को सीज करके की जाएगी।
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले करेंगे भरपाई
पुलिस ने कहा कि किसानों द्वारा अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 (पीडीपीपी एक्ट 1984) में संसोधन है। इसमें किसानों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने व आंदोलन का आह्वान करने वाले लोगों व उस संगठन के पदाधिकारियों को किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार माना जाता है । इसी प्रकार हरियाणा लोक व्यवस्था में संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2021 के अनुसार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति कुर्की और बैंक खातों को सीज करके नुकसान की भरपाई का प्रावधान है ।
30 जवान जख्मी, दो की मौत
शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए पुलिस की ओर से अपने जवानों के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भारी संख्या में तैनात किया गया है। अब तक यहां ड्यूटी के दौरान 30 जवान जख्मी हो चुके हैं। ड्यूटी के दौरान दो सब इंस्पेक्टर दम तोड़ चुके हैं जबकि एक जवान को ब्रेन हैमरेज हो चुका है। पुलिस की मानें तो सोशल मीडिया के जरिए कई किसान कानून व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। लगातार भाषणों के जरिए किसानों को भड़काया जा रहा है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सरकार के विरूद्ध गलत शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी वजह से पुलिस की ओर से ऐसे लोगों के खिलाफ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 2 (3 ) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (एनएसए ) तहत किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।
कई नेताओं के घरों पर चस्पाए पोस्टर
एनएसए के तहत कार्रवाई को लेकर पुलिस की ओर से कई किसान नेताओं के घरों के बाहर पोस्टर चस्पाए गए थे। हरियाणा में किसानों की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी समेत कई किसानों के घरों के बाहर पुलिस ने एनएसए के तहत कार्रवाई करने की धमकी संबंधी पोस्टर चस्पाए थे। हालांकि अमरजीत सिंह मोहड़ी ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वे ऐसी धमकियों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाएंगे। हमारी ओर से किसी की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जा रहा, बल्कि पुलिस ही हमारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रही है।