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हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए अब पुलिस ने सुरक्षा और मजबूत कर दी। सात लेयर की सुरक्षा को भेद पाना अब किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनती दिख रही है।

Ambala: शंभू बॉर्डर पर किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए अब पुलिस ने सुरक्षा और मजबूत कर दी। सात लेयर की सुरक्षा को भेद पाना अब किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनती दिख रही है। बुधवार को पूरे दिन किसानों ने पुलिस बंदोबस्त के पास पहुंचने का प्रयास तक नहीं किया। पुलिस के बंदोबस्त देखकर किसानों को भारी जानमाल के नुकसान की भनक लग गई। फिर पुलिस की ओर से निरंतर हो रही टियर बमों की बरसात ने किसानों के हौसले को तोड़ दिया। उधर खनौरी बॉर्डर की घटना के बाद किसान नेताओं के दिल्ली कूच एक दिन के लिए टालने से युवा किसान बेहद निराश दिखे। ज्यादातर किसान नेताओं के फैसले पर ऐतराज जताया गया। फिलहाल किसान नेताओं ने साफ कहा कि वे ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे, जिसमें किसानों की जान को ज्यादा जोखिम हो।

किसानों को पीछे हटने पर किया मजबूर

शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए हजारों किसान मौके पर जमा हो गए थे। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल भी दूसरे किसान नेताओं के साथ सुबह दस बजे शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए। इसके बाद पंजाब सरकार के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत हुई। उनके फैसले का इंतजार किया गया। बात न बनी तो पंधेर व डल्लेवाल ने खुद किसानों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। दूसरे सभी किसान उनके पीछे चले। जब दोनों किसान नेताओं ने आगे बढ़ने का प्रयास किया तो ड्रोन के साथ जवानों ने बंदूकों से भी टियर बमों की बरसात शुरू कर दी। इसी वजह से कोई भी किसान आगे नहीं बढ़ पाया। पूरे दिन ड्रोन आसमान से बम बरसाते रहे। पतंग के जरिए कई बार ड्रोन को उलझाने का प्रयास किया। इस बार कामयाबी नहीं मिल पाई। पुलिस व अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों ने किसी भी जवान को बैरिकेड तक पहुंचने नहीं दिया।

दो चालकों के फोटो किए जारी

पुलिस की ओर से दो चालकों के फोटो जारी किए हैं। पुलिस का कहना है कि इन चालकों ने शंभू बॉर्डर पर पोकलेन मशीन को पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। पुलिस के मुताबिक किसानों द्वारा नाकों को तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन, जेसीबी व अन्य भारी भरकम मशीनों का प्रयोग किया जा सकता है। जिन चालकों के चित्र जारी किए गए, उन पर पोकलेन मशीन को चलाकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का संदेह है।

बचाव के लिए बिछाई बोरियां

शंभू बॉर्डर पर पुलिस के टियर बमों को फुस्स करने के लिए किसानों ने हाइवे पर हजारों बोरियां बिछा दी। इन बोरियों को पानी से गिला किया गया। बचाव के लिए किसानों ने मुंह पर कोलगेट का इस्तेमाल किया। आंखों पर चश्मा व नाम पर मास्क का इस्तेमाल किया गया। इसके बावजूद धुएं से किसानों की आंखें खराब हो गई। हालांकि प्राइवेट संस्था की और से मौके पर ही ऐसे किसानों की आंखों में दवाई डाली गई।

हिल नहीं पाई पोकलेन व जेसीबी

किसानों की ओर से बैरिकेड तोड़ने के लिए कई दिन से शंभू बॉर्डर पर भारी भरकम पोकलेन, जेसीबी व हाइड्रोलिक मशीनें पहुंचाई गई थी। बुधवार को टियर बमों की भारी बमबारी होने के बावजूद कोई भी मशीन बैरिकेड की ओर बढ़ नहीं पाई। मंच से कई युवा किसान मशीनों के चालकों को आगे बढ़ने के आदेश देते रहे। हालांकि किसान नेता सोच समझकर कदम उठाने की बात कहते रहे। युवाओं में बैरिकेड तोड़ने को लेकर उत्साह देखा गया। इसको लेकर एक बार तो मंच पर वक्ताओं की बहस तक हो गई।

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