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गुजरानी गांव की महिला सरपंच में लड़कों के लिए एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि गांव के युवा लड़के कच्छा पहनकर गलियों और मौहल्लों में नहीं घूमेंगे। जिसके बाद से लड़के घुटनों से ऊपर का निक्कर पहनकर बाहर नहीं निकल रहे है। सरपंच के इस आदेश की चर्चा आस-पास के गांवों में भी हो रही है।

Panchayat Kachchha Farman: हरियाणा के एक गांव में पंचायत ने अजीबो-गरीब फरमान जारी किया है। इसकी चर्चा पूरे गांव में हो रही है। दरअसल, भिवानी जिले के गुजरानी गांव में लड़कों के सरेआम कच्छा पहनकर घूमने पर रोक लगा दी है। इसके लिए पूरे गांव में मुनादी भी कराई गई है। जिसमें कहा गया है कि अगर लड़का कच्छा पहनकर गांव में घुमा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरानी गांव की महिला सरपंच ने यह आदेश जारी किया है। महिला सरपंच के प्रतिनिधि का कहना है कि गांव के युवा लड़के अक्सर गलियों और मौहल्लों में कच्छा पहन कर घूमते रहते हैं। जिसकी वजह से बहन और बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है। ऐसे में यह आदेश जारी करना पड़ा। इसके साथ ये भी कहा गया है कि अगर गांव में कोई युवा लड़का पंचायत के आदेश को नहीं मानेगा तो उसके घर पर जाकर उसके माता-पिता से बात की जाएगी। अगर इसके बाद भी पंचायत के आदेश की अवहेलना की गई तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी और उस पर जुर्माना लगाएगी। कहा जा रहा है कि पंचायत के इस आदेश के बाद युवाओं ने कच्छा पहनकर गांव में घूमना बंद कर दिया है।

लड़कों के कच्छा पहनने से महिलाएं होती हैं शर्मिंदा 
खबरों की मानें, तो सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि घर में नौजवान युवक जैसे भी रहे। वह अपने घर में कुछ भी पहने ये उनकी मर्जी है। लेकिन, जब वो घर से बाहर निकले या मोहल्ले में जाए तो पूरे कपड़े पहनकर जाएगा। अगर कोई सार्वजनिक जगह पर कच्छा पहनकर घूमता तो यह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता है। इसकी वजह से महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है। ये ही वजह की पंचायत इस तरह का आदेश जारी किया गया है। 

घुटने से नीचे निक्कर पहनें युवा 
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि अगर युवाओं को निक्कर पहनकर गांव में घूमना है तो वो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहन सकते हैं। सरपंच के इस आदेश की आस-पास के गांवों में भी चर्चा हो रही है।

 

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