चंडीगढ़: सिख नेता और हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गठित कराने में अहम भूमिका निभाने वाले जगदीश सिंह झिंडा और उनके समर्थकों ने अब हरियाणा में गठित कमेटी के विरोध में झंडा उठा लिया है। उन्होंने वित्तीय गोलमाल के आरोप लगाते हुए कमेटी में शामिल कुछ पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। झींडा ने घोषणा की कि सरकार ने नई कमेटी गठित की है, उसे 31 अगस्त तक भंग किया जाए अन्यथा 01 सितंबर को करनाल में सिख संगत सम्मेलन होगा, जिसमें बड़ी तादाद में सिख समाज के लोग एकत्रित होंगे।
नए नाम से प्रबंध कमेटी की घोषणा
जगदीश सिंह झिंडा ने मांग की कि 01 नवंबर तक हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के चुनाव घोषित किए जाएं। शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा के नाम से प्रबंध कमेटी के चुनाव लड़ने के लिए पार्टी पंजीकृत करा ली है। लड़ाई लड़कर पंजाब की कमेटी से हरियाणा की प्रबंधक कमेटी अलग गठित कराई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया। सरकार ने एडहॉक कमेटी गठित की, जिसका कार्यकाल 21 मई को समाप्त हो गया। सरकार ने 14 अगस्त को नई कमेटी गठित की, जिसमें 25 सदस्य नए लिए हैं। मगर इनमें से कुछ सदस्य नशा करते हैं। एक-दो पर नशा बेचने के आरोप में मामला दर्ज है। ये सदस्य किसी भी सूरत में सदस्य बनने योग्य नहीं हैं। सरकार इस कमेटी को 31 अगस्त तक भंग करे।
विधानसभा चुनाव बारे भी लेंगे फैसला
झिंडा ने कहा कि हमारी शिरोमणि पंथक अकाली दल हरियाणा की छोटी कमेटी यह फैसला करेगी कि विधानसभा चुनाव में किस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना है। चुनाव चिन्ह उसी पार्टी का होगा, जिसके साथ हमारा समझौता होगा। मगर हमारी पार्टी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव लड़ने के लिए ही पात्र है इसलिए यह राजनीतिक चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 31 अगस्त तक कमेटी को भंग नहीं किया जो एक सितंबर को करनाल में सिख सम्मेलन कर 1 नवंबर तक चुनाव करवाने की मांग की जाएगी।