Rohtak: यूजीसी ने डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी की है, जिसमें हरियाणा के दो सरकारी विश्वविद्यालयों का नाम भी है। इनसो छात्र नेता दीपक मलिक ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालय का डिफॉल्टर विश्वविद्यालय की लिस्ट में नाम आना, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे सरकार का शिक्षा के प्रति जो विजन है, वह दर्शाता है कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक काला अध्याय भाजपा सरकार लिखने जा रही है। सरकारी विश्वविद्यालय व सरकारी कॉलेज के प्रति सरकार की मंशा ठीक नहीं है, ना कोई शिक्षा के प्रति विजन है और ना यूनिवर्सिटीज के प्रति को कोई रोड मैप। हरियाणा की इकलौती स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी राई का नाम डिफाल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में आना अपने आप में साबित कर रहा है कि खेल और खिलाड़ियों के प्रति सरकार कितनी सजग है।
इन दो यूनिवर्सिटी का नाम डिफाल्टर लिस्ट में शामिल
दीपक मलिक ने बताया कि हरियाणा की एकमात्र स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी राई व महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी करनाल का यूजीसी द्वारा डिफाल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट में नाम आया है। इससे आम छात्रों का सरकारी विश्वविद्यालय के प्रति जो धारणा और विश्वास है, वह बदल जाएगा। कहीं ना कहीं आम छात्र सरकारी विश्वविद्यालय से दूर भागते नजर आएंगे। दीपक मलिक ने कहा कि कभी तो एमडीयू जैसी पॉपुलर यूनिवर्सिटी की फीस 5 गुना बढ़ा दी जाती है, कभी सरकारी विश्वविद्यालय का नाम डिफाल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में आता है। सरकारी विश्वविद्यालय के प्रति छात्रों का एक लगाव और विश्वास होता था, जो टूटता नजर आ रहा है।
डिफाल्टर सूचि से विव का नाम हटवाने के लिए सरकार उठाए कदम
छात्र नेता दीपक मलिक ने कहा कि हरियाणा सरकार जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करके दोनों विश्वविद्यालय का नाम डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट से हटाने के लिए कदम उठाए, जिससे इन दोनों विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। समय रहते अगर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती तो ये हालत नहीं होते। इस तरह से विश्वविद्यालयों की साख गिरती है। सरकारी विश्वविद्यालयों पर सरकार विशेष ध्यान दे, जिससे छात्रों की शिक्षा में कोई बाधा ना आए। दीपक मलिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते इन दोनों विश्वविद्यालयों की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो इनसो इसके लिए बड़ा आंदोलन करेगा।