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सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड के लिए नितिन फौजी को नकली पासपोर्ट व वीजा बनाकर विदेश भेजने का लालच देकर राजी किया। वहीं भवानी राजपुत व राहुल की गोल्डी बराड़ के साथ फोन पर बात हुई। जेल में दोनों लारेंस गैंग के संपर्क में आए थे।

Mahendragarh: जिले के दौगड़ा जाट के रहने वाले नितिन फौजी को पुलिस पर फायरिंग की वारदात में नाम आने के बाद नौकरी जाने और जेल जाने का डर दिखाया गया था। इसके बाद नकली पासपोर्ट व वीजा बनाकर विदेश भेजने का लालच देकर सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या करने के लिए राजी किया गया। विदेश जाने के लालच में आकर नितिन फौजी ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया, लेकिन विदेश नहीं अब जेल की सलाखों के पीछे दिन कट रहे है।

5 दिसंबर को गोगामेड़ी को मारी थी गोलियां

बता दें कि पांच दिसंबर को दिनदहाड़े बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाकर हत्या की थी। घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था। इसके बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच व राजस्थान पुलिस की ओर से गोगामेड़ी हत्या में शामिल गांव दौगड़ा जाट निवासी नितिन फौजी व रोहित राठौर व उधम को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था। इससे एक दिन पहले जयपुर पुलिस ने शूटर्स की मदद करने वाले जिले के गांव सुरहेती पिलानिया निवासी रामवीर को गिरफ्तार किया था।

स्कूल की दोस्ती बनी आरोपी बनने की वजह 

गांव दौगड़ा निवासी नितिन फौजी व गांव सुरेहती पिलानियां निवासी ने 12वीं तक की पढ़ाई साथ पूरी की थी। दोनों अच्छे दोस्त थे। उनके साथ गांव कौथल खुर्द निवासी राहुल में पढ़ता था तथा उनका अच्छा दोस्त था। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद नितिन सेना में भर्ती हो गया। वहीं रामबीर पढ़ाई के लिए जयपुर चला गया तथा राहुल ने क्राइम की दुनिया में कदम रख दिया। इस दौरान उसकी मुलाकात गांव पहाड़वास निवासी भवानी उर्फ रोनी राजपूत से हुई। दोनों के साथ कई मामलों में जेल भी गया। नितिन फौजी लगातार राहुल के सपंर्क में था। अपनी छुट्टियों के दौरान अक्सर उसकी मुलाकात राहुल से होती थी। राहुल के माध्यम से नितिन की दोस्ती भवानी राजपूत से हो गई। इसके बाद नितिन छुट्टियों के दौरान इनके साथ समय बिताता था।

फोन पर हुई गालीगलौच का बदला लेने के लिए गए थे खुड़ाना

भवानी राजपूत जयपुर में गांव खुड़ाना निवासी एक युवक के साथ बीट क्वाईन का काम करता था। दोनों के बीच पैसे का लेनदेन था। दोनों के बीच फोन पर पैसों को लेकर गालीगलौच हुई थी। इसका बदला लेने के लिए भवानी राजपुत, राहुल, नितिन तथा रिवासा निवासी कुलदीप राठी, पाथेड़ा निवासी अमन दो गाड़ियों में सवार होकर गांव खुड़ाना गए। गांव के कई चक्कर लगाने के कारण ग्रामीणों को संदेह हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद आरोपितों ने पुलिस की गाड़ी को क्षतिग्रस्त करते हुए फायरिंग कर दी और मौके से फरार हो गए।

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