Logo
भाजपा प्रचंड बहुमत हासिल कर तीसरी बार सरकार बनाने की राह पर है, वहीं जनादेश से भ्रमित कांग्रेस आगे की रणनीति तैयार कर रही है। इस बीच हरियाणा आप के प्रभारी डॉ. सुशील गुप्ता ने भी अहम बयान दिया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया है। भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत हासिल कर तीसरी बार सरकार बनाने की राह पर तेजी से अग्रसर है। जनादेश से भ्रमित कांग्रेस आगे की रणनीति तैयार कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी ने तो अपनी हार के लिए एक तरह से कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा दिया है।

आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई के प्रमुख डॉ. सुशील गुप्ता का कहना है कि हमने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन किया था और बीजेपी को बैसाखियों पर लाए। अगर हरियाणा में भी गठबंधन होता तो गठबंधन सरकार 70 से अधिक सीटें हासिल कर सकती थी। सुनिये डॉ. सुशील गुप्ता का पूरा बयान, आगे बताएंगे स्वाति मालीवाल ने आप पर पलटवार में क्या कहा...

एक दूसरे को अंतिम समय तक लटकाते रहे

हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच सीटों को लेकर समझौता नहीं हो पाया। पहले कांग्रेस बातचीत कर बीजेपी प्रत्याशियों की सूची का इंतजार करती रही, वहीं आप दस सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग पर अड़ी रही। बाद में आम आदमी पार्टी 7 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई। उधर, हरियाणा कांग्रेस ने आप के साथ गठबंधन से खासा नाराज था। हरियाणा कांग्रेस को राजी कराते, उससे पहले ही आप ने अचानक से सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। आप को उम्मीद थी कि यहां उन्हें हरियाणा की जनता से अच्छा समर्थन मिलेगा, लेकिन नतीजों ने इन सपनों पर पानी फेर दिया।

आप प्रत्याशियों के वोट नोटा से भी कम मिले

आम आदमी पार्टी के कई प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने जिन इलाकों में रैली की, वहां भी वोट हासिल नहीं हो पाए। इसके अलावा, स्टार प्रचारकों में शामिल अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, राज्य सभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और मनीष सिसोदिया के अलावा पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी जगह-जगह रैलियां की, लेकिन अपनी पार्टी के लिए समर्थन नहीं जुटा सके।

नहले पर दहले की नीति अपनाई?

लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया। आप को भरोसा था कि सभी 13 लोकसभा सीटें हासिल कर लेगी। हालांकि यहां भी आप को महज तीन लोकसभा सीटों पर ही जीत मिल सकी। पंजाब के लोगों ने भी सबसे ज्यादा कांग्रेस पर भरोसा किया था। यही वजह रही कि हरियाणा कांग्रेस विधानसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहती थी।

लेकिन राहुल गांधी ने ऐन वक्त बयान दिया था कि हरियाणा में आप के साथ गठबंधन होना चाहिए। इस बात को सिर माथे रखकर गठबंधन की सहमति दी, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया। बाद में जो कुछ हुआ, वो आपको पहले ही बता चुके हैं। हालांकि चलते चलते बता दें कि दोपहर ढाई बजे तक के नतीजों के मुताबिक आप को इस चुनाव में करीब 1.77 फीसद वोट मिले चुके थे।

स्वाति मालीवाल ने आप पर किया पलटवार

हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार को लेकर स्वाति मालीवाल ने भी एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने ऊपर बीजेपी के एजेंट बताने के आरोपों का जवाब दिया, साथ ही आप से इंडिया गठबंधन से गद्दारी करने का भी आरोप जड़ दिया। 

ये भी पढ़ें: हरियाणा ने बीजेपी का कमल खिलाकर सट्टा किंग और एग्जिट पोल को दिया चकमा, फिर भी सट्टा बाजार क्यों खुश

5379487