Mahendragarh: हरियाणा व केंद्र सरकार भूजल प्रबंधन को लेकर लगातार कार्य कर रही है। सरकार के साथ जनमानस को भी सजगता के साथ जल के संरक्षण व संवर्धन में अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए। यह बात सिंचाई विभाग के कार्यकारी अधिकारी नितिन भार्गव ने सोमवार अटल भूजल योजना के तहत भूजल प्रबंधन पर आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल संकट वाले क्षेत्रों में भूजल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार करना है। जिला महेंद्रगढ़ की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार भूजल स्तर में सुधार के लिए हर साल बारिश के पानी को दक्षिणी हरियाणा की नदियां व तालाबों में डाल रही है।
जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत
नितिन भार्गव ने बताया कि सरकार के प्रयासों के साथ अब समय आ गया है कि जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का रूप दिया जाए। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जल संचयन, संवर्धन व संरक्षण के साथ-साथ लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना, बोरवेल का कम उपयोग करना व फसल विविधीकरण पर फोकस करना है। भूजल के स्तर पर नजर रखने के लिए जिला महेंद्रगढ़ के 155 गांव में बीजों मीटर लगाए गए हैं। इसके अलावा कोई भी नागरिक अटल जल एप डाउनलोड कर सकता है। इस ऐप पर जिला महेंद्रगढ़ के पांच खण्ड के 255 गांवों के वाटर लेवल तथा बारिश की रिपोर्ट देखी जा सकती है। यह रिपोर्ट लगातार अपडेट होती रहती है। अटल भूजल योजना से जिला में 12 टैंक बन रहे हैं। यहां से किसानों को पाइप के जरिए माइक्रो इरिगेशन के लिए पानी दिया जाएगा।
इस योजना का महेंद्रगढ़ को होगा अधिक लाभ
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन भार्गव ने कहा कि इस योजना का सबसे अधिक फायदा महेंद्रगढ़ जिला को हुआ। यह अभियान केवल रिचार्ज के लिए ही नहीं बल्कि पानी को बचाने के लिए जागरूक करना भी मकसद है। हमें मिलकर पानी का सदुपयोग करना है। भूजल का कम से कम प्रयोग करने के लिए मिकाडा की तरफ से सामूहिक तालाब बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा किसानों को माइक्रो इरिगेशन सिस्टम अपनाने के लिए 85 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। अटल भूजल योजना में हरियाणा राज्य के 14 जिले, 36 ब्लॉक और 1656 ग्राम पंचायतें शामिल हैं।