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Haryana News: हरियाणा विधानसभा कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 62 निकायों में टेंपरेरी एडवांस से जुड़े मामले में 1400 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड गायब है। इसको लेकर गंभीरता से जांच कराने की मांग की गई है।

Haryana News: हरियाणा विधानसभा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद एक नया मामला सामने आया है। इसमें प्रदेश के 10 नगर निगमों में टेंपरेरी एडवांस के चलते लाखों रुपए गबन करने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा की शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े मामलों की कमेटी की ओर से साल 2019-20 के लिए शहरी स्थानीय निकायों के 1,395.98 करोड़ रुपए का ऑडिट यानी उसका लेखापरीक्षा और विश्लेषण कर रही है। कमेटी की जांच में पता चला है कि टेंपरेरी एडवांस के मामले में गड़बड़ी हुई है। बता दें कि टेंपरेरी एडवांस में विकास कार्यों के लिए अधिकारी एडवांस में पैसे लेते हैं, जिसे बाद में खर्च किया जाता है।

सख्त कार्रवाई की मांग

विधानसभा डिप्टी स्पीकर कृष्ण लाल मिड्ढा की अध्यक्षता वाली कमेटी के अनुसार, प्रदेश के 10 नगर निगमों में 1,395.98 करोड़ रुपए का पूरा रिकॉर्ड नहीं है। इसके चलते आशंका जताई जा रही है कि इसमें कोई बड़ी गड़बड़ी हो सकती है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि इस गड़बड़ी को लेकर सबसे ज्यादा मामले गुरुग्राम और फरीदाबाद में हुए हैं।

इसकी जांच के लिए नगर निगमों से जुड़े जिला नगर आयुक्तों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों को कहा गया है कि टेंपरेरी एडवांस के एडजस्टमेंट को लेकर कार्रवाई की जाए। कमेटी ने बताया कि बड़ी संख्या में ऑडिट ऑब्जेक्शन पेडिंग हैं, उसके बावजूद भी अधिकारियों की ओर से उन्हें निपटाने की कोशिश नहीं की जा रही है।

प्रदेश के 62 निकायों में मिली गड़बड़ी

जानकारी के मुताबिक, टेंपरेरी एडवांस की राशि में गड़बड़ी का मामले प्रदेश के 10 नगर निगमों के अलावा 18 नगर परिषद और 34 नगर समतियां भी शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम में हुए हैं। इनमें हिसार, सोनीपत, पंचकूला, पानीपत, यमुनानगर, रोहतक, करनाल और अंबाला नगर निगम शामिल हैं। 

विधानसभा कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के कुल 62 निकायों में कुल 1,395.98 करोड़ रुपए टेंपरेरी एडवांस में गड़बड़ी सामने आई है। इसमें फरीदाबाद नगर निगम 781.75 करोड़ रुपए और गुरुग्राम नगर निगम में 403.86 करोड़ रुपए का बकाया है। इस मामले को लेकर विस्तृत जांच करवाने की मांग की जा रही है। फिलहाल कमेटी ऑडिट रिपोर्ट पर चर्चा कर रही है।

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