Haryana: हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मतदाता सूचियों में व्याप्त भारी त्रुटियों पर गहरी चिंता जताते हुए इनके निराकरण के लिए देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा। गुप्ता ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ-साथ आदर्श लोकतंत्र के तौर पर भी स्थापित हुआ है। मतदाता सूची की त्रुटियां लोकतंत्र की गरिमा के लिए घातक हैं। ज्ञानचंद गुप्ता शनिवार को हरियाणा एमएलए हॉस्टल में आयोजित पत्रकार वार्ता में इन कमियों को दूर करने के लिए उनकी ओर से दिए गए सुझावों को सांझा कर रहे थे।
मतदाता सूचियों में मृतकों के नाम शामिल
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि मतदाता सूचियों में बड़ी संख्या में मृतकों और निर्वाचन क्षेत्र छोड़कर जा चुके व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। कुछ मतदाताओं के वोट एक से अधिक स्थानों पर बने हुए हैं। इस प्रकार की खामियां जहां चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न खड़ा करती है, वहीं ये चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती हैं। गत लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूचियों की अनेक खामियां उनके संज्ञान में आई। इसकी तह में जाते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग से पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के अनेक बूथों का डोर टु डोर सर्वे करवाया। इस सर्वे में गंभीर त्रुटियां उजागर हुई हैं। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इनका निराकरण जरूरी है।
23 बूथों पर 3906 मृतकों व क्षेत्र छोड़कर जा चुके लोगों के नाम सूचि में शामिल
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि पंचकूला निर्वाचन क्षेत्र के कुल 200 बूथों में से लगभग 23 बूथों पर सर्वे करवाया गया है। इन बूथों पर 3906 मतदाता ऐसे मिले, जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या वे आस-पास के क्षेत्रों में स्थानांतरित हो चुके हैं। ऐसे में प्रत्येक बूथ पर औसतन करीब 200 मतदाता गलत ढंग से दर्ज हैं। निर्वाचन क्षेत्र के सभी बूथों पर यह संख्या करीब 35 हजार हो सकती है। उन्होंने मतदान केंद्र की दूरी का मामला भी मुख्य निर्वाचन आयोग के ध्यान में लाया। गुप्ता ने कहा कि चंडी मंदिर छावनी क्षेत्र के मतदाताओं के लिए करीब 6 किलोमीटर दूर सेक्टर 6 स्थित स्कूल में मतदान केंद्र स्थापित किया गया। इस दूरी के कारण गत चुनाव में यहां मात्र 11 फीसदी मतदाता ही मतदान के लिए पहुंचे। चंडी मंदिर छावनी में ही मतदान केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए।
रिटर्निंग अधिकारियों पर लगाया मतदान प्रक्रिया को धीमा करने का आरोप
विस अध्यक्ष ने चेताया कि कुछ रिटर्निंग अधिकारियों ने जानबूझकर मतदान की प्रक्रिया को धीमा किया। इसके कारण कतारें लंबी हो गई और मतदाताओं को एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। इसके चलते अनेक मतदाताओं ने कतार से हटने का फैसला किया और अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया। प्रति घंटे मतदान की न्यूनतम संख्या तय करने की आवश्यकता है। प्रतीक्षा कतार का प्रबंधन बरामदों में या शेड के नीचे करना चाहिए। उन्होंने प्रति बूथ वोटों की अधिकतम संख्या एक हजार तक रखने का भी सुझाव दिया।