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हरियाणा के अंबाला में पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। करीब 68 लाख रुपए की लागत से प्रतिमा का उन कलाकारों ने निर्माण किया, जिन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा को बनाया था।

Ambala: हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि मुझे लगता है कि लोग यदि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को अपने सामने रखकर चलेंगे तो गलत काम करने की उनकी हिम्मत नहीं होगी। अंबाला छावनी शहीदों के प्रति नतमस्तक है और लोग शहीदों द्वारा बताए गए रास्ते पर चलें, यहीं हमारी कोशिश है। अनिल विज अंबाला छावनी में मुख्य द्वार पर अमर सेनानी शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 12 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे।

68 लाख रुपए से तैयार हुई प्रतिमा

अनिल विज ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा लोगों को हमेशा स्मरण कराती रहेगी कि इस देश को कुर्बानियां देकर आजाद कराया गया है। यह प्रतिमा लगभग 68 लाख रुपए में बनकर तैयार हुई है। इस प्रतिमा को भी उन्हीं कलाकारों ने बनाया है, जिन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को बनाया है। इसी प्रकार हमने अंबाला छावनी के बीचों-बीच सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगवाई हैं। यह प्रतिमा भी लोगों को प्रेरित करती है कि इस देश पर राज करने वाली अंग्रेजी सरकार, जिसके राज में कभी सूरज नहीं डूबता था, उस सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध करके भारत को आजाद कराया।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाया जा रहा स्मारक

अनिल विज ने कहा कि 1857 की आजादी की पहली लड़ाई भी अंबाला से आरंभ हुई थी। उसमें भी हजारों लोग शहीद हुए और उनको सम्मान देने हेतु व उनकी याद में 500 करोड़ रुपए की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्मारक बनाया जा रहा हैं। अनिल विज ने कहा कि शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह ने छोटी सी उम्र में जंगे आजादी में कदम रख लिया था और देश को आजाद करवाने के लिए हिन्दुस्तानियों को जागरूक करते हुए कारनामे पेश किए। अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ लोकसभा में पार्लियामेंट की खाली कुर्सियों पर बम फेंककर व पर्चे बांटकर अपनी वीरता का परिचय दिया। अगर वह उस समय वहां से भागना चाहते तो भाग सकते थे। वहां पर अंग्रेजों की पूरी सुरक्षा थी, लेकिन वह भागे नहीं, उनका मकसद हिन्दुस्तानियों को देश की आजादी के लिए जागरूक करना था।

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