Vishwakarma University: हरियाणा के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय विद्यार्थियों द्वारा ई व्हील चेयर का आविष्कार किया गया। इन विद्यार्थियों द्वारा विकसित किए गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ई व्हील चेयर का नाम अष्टावक्र है। इस ई व्हील चेयर का उद्देश्य वृद्धों और दिव्यांगों को समृद्धि के साथ सहायता प्रदान करना है।
अष्टावक्र चेयर में हैं आठ विशेषताएं
अष्टावक्र चेयर को विद्यार्थियों द्वारा बैटरी से चलने वाली बनाई है। बता दें कि इसे मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है, यानी की आप इसे अपने मोबाइल में ऐप डाउनलोड कर इसे कंट्रोल कर सकते हैं। इस ई व्हील चेयर की आठ विशेषताएं हैं। यह चारों दिशाओं में चल सकती है और 360 डिग्री पर घूम सकती है। यह ई वील चेयर 15 किलोमीटर तक की गति से चल सकती है और एक बार में हुई चार्जिंग से 20 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है।
50 हजार रुपये की लागत
इस चेयर को विश्वविद्यालय की विद्यार्थियों ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक सुविधा में बदल दिया है, जिससे दिव्यांग व्यक्ति को किसी के सहारे की जरूरत महसूस नहीं होगी और वह सामाजिक गतिविधियों में आसानी से भाग सकते हैं। इस अष्टावक्र चेयर के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लगभग 50 हजार रुपये की लागत आई है।
टमाटर और आलू के फसल
हरियाणा सरकार द्वारा पलवल जिले के गांव दुधौला में स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में कृषि कौशल संकाय द्वारा ग्राफ्टिंग तकनीक के द्वारा टमाटर और आलू की फसल तैयार किया गया है। ताकि वहां के किसानों की खेती और आय को दोगुना किया जा सके।
ग्राफ्टिंग तकनीक
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर राज नेहरू ने बताया कि ग्राफ्टिंग तकनीक जिसमें एक पौधे के ऊतक दूसरे पौधे पौधे के ऊतकों में प्रविष्ट कराये जाते हैं। जिससे दोनों के वाहक ऊतक आपस में मिल जाते हैं। विश्वविद्यालय के छात्रों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ एडवांस एग्रीकल्चर तकनीक के बारे में सीख रहे हैं। ग्राफ्टिंग तकनीक के माध्यम से एक ही पौधे से मल्टीपल्स पौधे कैसे तैयार किए जा सकते हैं। प्रोटेक्टिव फार्मिंग की प्रकार से की जाए ताकि किसानों की आय को बढ़ाया जा सके।
किसानों को किया जा रहा जागरूक
विश्वविद्यालय के कृषि कौशल संकाय द्वारा आसपास के क्षेत्र के किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कृषि कौशल संकाय द्वारा रिसर्च की गई है, जिसके द्वारा ग्राफ्टिंग तकनीक के माध्यम से आलू और टमाटर के पौधे को एक कर नया प्रोडक्ट तैयार किया गया है। इस तकनीक के तहत पौधे के नीचे आलू लगेगा और ऊपर टमाटर लेगगें। इस विधि से एक ही बार में किसान दो फसलों को उगा सकते हैं।