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हरियाणा के गोहाना में प्रशासन की अनदेखी का शिकार बने रिंढाणा गांव में बीपीएल परिवार के जर्जर हो चुके मकान की शुक्रवार को दीवार ढह गई। गनीमत यह रही कि हादसे में परिवार के किसी सदस्य की जान नहीं गई। पीड़ित ने सरकार से मंजूर हुए पैसे दिलाने की मांग की।

Gohana: प्रशासन की अनदेखी का शिकार बने रिंढाणा गांव में बीपीएल परिवार के जर्जर हो चुके मकान की शुक्रवार को दीवार ढह गई। गनीमत यह रही कि हादसे में परिवार के किसी सदस्य की जान नहीं गई। गांव रिंढाणा बरोदा हलका के विधायक इंदुराज नरवाल का गांव है। जब विधायक के गांव में गरीब लोगों की सुनवाई नहीं हो रही तो दूसरों की तो बात की क्या की जाए। पीड़ित का कहना है कई साल पहले घर बनवाने के लिए पैसे मंजूर हुए थे, लेकिन आज तक पैसे मिलने का इंतजार हो रहा है।

अधिकारियों से लेकर विधायक तक लगा चुके गुहार

मकान मालिक धर्मबीर ने बताया कि आर्थिक मदद के लिए हलका विधायक से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई जा चुकी है। मकान निर्माण के लिए सरकार की ओर से अनुदान भी मंजूर हो चुका है, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। मकान की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि अब दीवारें ढहने लगी हैं। शुक्रवार को मकान की एक दीवार ढह गई। गनीमत यह रही कि मलबे के नीचे परिवार का कोई सदस्य नहीं दबा अन्यथा कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी। परिवार का कहना है कि अगर किसी दिन मकान ढहने से परिवार के किसी सदस्य की जान चली गई तो फिर सरकार द्वारा मकान निर्माण के लिए दिए जाने वाले अनुदान का क्या फायदा। मकान ढहने और हादसे के भय से परिवार के सदस्यों को रात बैठकर बितानी पड़ती है।

दिहाड़ी-मजदूरी से चलता है घर का गुजारा

पीड़ित परिवार का कहना है कि दिहाड़ी-मजदूरी से परिवार का पेट ही मुश्किल से पल पाता है। गरीबी के ऐसे हालात में मकान की मरम्मत के लिए एक ईंट भी लगाना मुश्किल की बात है। परिवार ने सरकार से मकान के लिए मंजूर अनुदान को जल्द से जल्द देने की मांग की है ताकि नए सिरे से मकान का निर्माण किया जा सके और परिवार को सिर ढांपने के लिए छत मिल सके।

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