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हरियाणा में पहाड़ों में हो रहे हिमपात का असर देखने को मिल रहा है। उत्तर पश्चिमी हवाएं रूकने के बाद रविवार को कहीं-कहीं पाला पड़ा। खेतों में पाले की सफेद चादर बिछी मिली। इससे गेहूं, सरसों व सब्जी की फसल को नुकसान की आशंका है। 

हरियाणा: पहाड़ों में हो रहे हिमपात का असर मैदानी इलाकों पर पड़ रहा है। प्रदेश में सुबह और शाम को शीत लहर चल रही है, वहीं दिन में तेज धूप निकलने से फसलों को फायदा हो रहा है। उत्तर पश्चिमी हवाएं रूकने के बाद रविवार को क्षेत्र में कहीं-कहीं पाला (Frost) पड़ा। रविवार सुबह खेतों में पाले की सफेद चादर बिछी मिली। सीजन का पहला पाला जमने की घटना कुछ क्षेत्रों में सामने आई। जहां सुबह कुछ खेतों में पाले की सफेद चादर बिछी नजर आई। यदि पाला ऐसे ही लगातार पड़ता है, तो इससे क्षेत्र में होने वाली गेहूं, सरसों व सब्जी की फसल को नुकसान की आशंका है।

सरसों व सब्जी में नुकसान की आशंका

पिछले सप्ताह लगातार उत्तर पश्चिमी शीत लहर चलने से इस बार अभी तक दिसंबर में धुंध और कोहरा नहीं पड़ा। हालांकि नवंबर महीने में काफी कोहरा और स्मॉग छाया हुआ था। इस सूखे मौसम के कारण रात को ठिठुरन बढ़ जाती है। पाला जमने से सरसों व सब्जी की फसलों में खासकर आलू में अधिक नुकसान होने का खतरा है। वहीं विभिन्न इलाकों में किसान सब्जियों पर पॉलिथीन लगाकर पाला से बचाव कर रहे हैं। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम वैज्ञानिकों (Meteorologists) के अनुसार इलाके में 16 दिसंबर रात्रि तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहने तथा उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं हल्की गति से चलने से रात्रि तापमान में गिरावट आने की संभावना है।

अभी आ रही आलू की अगेती फसल

इस समय आलू की अगेती फसल निकाली जा रही है। इसी तरह पाला पड़ता रहा तो आलू की फसल को काफी नुकसान हो सकता है। इसके बाद टमाटर व पालक का नंबर आता है। टमाटर की भी अगेती फसल आ रही है। उसको भी पाले का नुकसान है। बेलदार सब्जियां भी पाले से बच नहीं सकती। विशेषज्ञों ने राय दी कि टमाटर व आलू (Potato) की फसल को बचाने के लिए फसल पर सिंचाई करते रहे और फसलों पर धुंआ करें जिससे नुकसान काफी हद तक टल सकता है। अभी एक-दो जगह पाला पड़ा है। जहां पर सिंचाई नहीं हुई थी, वहीं पाले का जमाव हुआ है। लगातार पाला पड़ता रहा तो टमाटर व आलू दोनों को नुकसान है।

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