Haryana: मौसम विभाग की चेतावनी अनुसार प्रदेश के एक तिहाई हिस्से में तेज हवाओं के साथ आई बरसात व ओलावृष्टि ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी। करीब 15 से 20 मिनट तक हुई ओलावृष्टि से जहां सरसों की फसल को भारी नुकसान होगा, वहीं गेहूं की फसल में भी नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में किसान परेशान है, क्योंकि गेहूं की बालियां खराब हो सकती है और सरसों की बालियां झड़ गई। ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का काम किया।
पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बरसात
पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम ने अचानक करवट ले ली है। किसानों को जिस बात का डर था, आखिर मौसम उसी के अनुरूप बना और ओलावृष्टि ने धरती पुत्रों के अरमानों को भी तोड़ने का काम किया। जमकर हुई ओलावृष्टि के कारण पूरी धरती सफेद चादर में लिपटी नजर आई। सड़कों पर जहां ओले दिखाई दिए, वहीं खेतों में फसल भी बिछ गई, जिससे फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका है। ओलावृष्टि बंद होते ही किसान अपने खेतों की तरफ भागे और फसलों को संभालने का प्रयास किया।
इन क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ पड़े ओले
प्रदेश के एक तिहाई हिस्से में तेज हवा, बरसात व जमकर ओलावृष्टि देखने को मिली। इनमें चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, रोहतक, जींद में बादलों की गर्जन, आकाशीय बिजली, आंधी व 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवा ने सबको हैरान कर दिया। बरसात के कारण अधिक नुकसान नहीं होता, लेकिन बरसात के साथ गिरे ओलों ने किसानों के अरमानों को भी तोड़ने का काम किया। मौसम विभाग के अनुसार अभी बरसात के आसार बने हुए है।
3 मार्च तक मौसम रहेगा गतिशील, बरसात की संभावना
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते प्रदेश के कुछ हिस्सों में बरसात व ओलावृष्टि देखने को मिली है। मौसम में बदलाव तीन मार्च तक बना रहेगा। प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहने, हवाएं चलने, गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने के अलावा हल्की बारिश व ओलावृष्टि दर्ज की जाएगी। इसके बाद चार मार्च से मौसम खुश्क हो जाएगा।