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हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा, यह लगभग असंभव दिखाई दे रहा है। अगर ऐसा हुआ तो कौन होगा किंग मेकर की भूमिका में, आइये नेताओं के बयानों से समझिये...

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर आज भी पॉजीटिव खबर सामने नहीं आई। आप सांसद राघव चड्ढा और संदीप पाठक समेत तमाम नेता बोल रहे हैं कि इस गठबंधन की संभावनाओं पर कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी, लेकिन गठबंधन नहीं होता है, तो सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा।

आप नेताओं ने यह भी दावा किया है कि हरियाणा की जनता सीएम केजरीवाल की नीतियों से प्रभावित हैं, लिहाजा आने वाले चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी। यहां तक कि सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका भी अदा कर सकती है। ऐसा ही दावा जननायक जनता पार्टी भी किया था, जिसने हाल में चंद्रशेखर आजाद रावण की पार्टी एएसपी के साथ गठबंधन किया है।

कुल 90 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर जेजेपी और 20 सीटों पर एएसपी ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इन्होंने प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी कर दी है। पहली सूची में 19 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया है। दुष्यंत चौटाला को उचाना सीट से उतारा गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर 47452 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने एएसपी के साथ गठबंधन करने से पहले कहा था कि हम 50 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेंगे और हमारे समर्थन के बिना किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बन पाएगी। जब सवाल पूछा गया कि सरकार बनाने के लिए किस दल को समर्थन देंगे, तो जवाब में कहा कि जो भी जनता से किए वादों को पूरा करेगी और हमारे साथ रहेगी, हम उसे ही चुनेंगे।

अब बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 32 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। टिकट कटने से नाराज नेताओं में आक्रोश देखा जा रहा है। कुछ नेताओं और विधायकों ने तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस स्थिति से जेजेपी की बांछे खिली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी होते ही वहां भी सिर फुटव्वल वाली स्थिति होगी और पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू होगा। इससे कांग्रेस को नुकसान होगा, जबकि फायदा जेजेपी को मिल सकता है।

इनेलो-बसपा किसे समर्थन देगी

अब सवाल उठ रहा है कि आप और इनेलो के इतर क्या इनेलो बसपा भी किंग मेकर की भूमिका में आ सकते हैं। इनेलो नेता अभय चौटाला और बसपा सुप्रीमो मायावती के बयानों को समझें तो दोनों ने किसी भी दल को समर्थन देने को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। दोनों नेताओं का उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह से इनेलो और बसपा को वोट मिले हैं, उसके चलते यह गठबंधन पहले से और भी बेहतर प्रदर्शन करेगा।

बता दें कि हरियाणा के लोकसभा चुनाव में कुल 10 सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस 5-5 सीटों पर विजयी हुई थी। तीसरे नंबर की बात करें तो 5 सीटों पर बसपा, 3 सीटों पर जेजेपी और 2 सीटों पर इनेलो प्रत्याशी आगे रहे थे।

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