Integrated Airport in Hisar: हिसार में राज्य का पहला इंटीग्रेटेड एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा इस एयरपोर्ट का नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा गया। फिलहाल, एयरपोर्ट पर कैट आई, रनवे, एटीसी, पीटीटी, जीएससी एरिया, लिंक टैक्सी, एप्रेन, बेसिक स्पिट पैरामीटर रोड, फ्यूल रूम और बरसाती ड्रोन बनाने का काम चल रहा है।
टर्मिनल और टावर बनाने में होगा करोड़ों का खर्च
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने इस एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी टावर बनाने की जिम्मेदारी हैदराबाद की वेन्सा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दी है। इस टर्मिनल बिल्डिंग और टावर को बनाने के लिए लगभग 412.58 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इसका काम लगभग ढाई साल में पूरा होगा।
बता दें कि यह टर्मिनल शंख के आकार का बनाया जाएगा। स्वास्थ्य एवं नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने भी जल्द से जल्द हिसार एयरपोर्ट से रीजनल फ्लाइट शुरू करने की कोशिश में हैं। बताया जा रहा है कि इस एयरपोर्ट पर रनवे का काम पूरा होने के बाद जून से जुलाई तक चंडीगढ़, जयपुर, अहमदाबाद और जम्मू जैसे शहरों के लिए उड़ान शुरू कर दी जाएगी।
नियमों में किया गया बदलाव
इस एयरपोर्ट पर इससे पहले भी एयर टैक्सी की सेवा शुरू हो चुकी है, लेकिन नगर विमानन महानिदेशालय डीजीसीए के नियम और शर्तें उड़ान में बाधा बनी। पहले नियम यह था कि फ्लाइट उड़ाने के लिए 1500 मीटर की विजिबिलिटी होनी चाहिए। लेकिन हिसार के मौसम में बदलाव आया और सर्दियों में एक सप्ताह के लिए घना कोहरा छाया रहा। जिसके चलते फ्लाइट के उड़ान में रूकावट पैदा हुई। इसके बाद इन नियमों में एक बार फिर बदलाव किया गया और उड़ान के लिए 5000 मीटर यानी 5 किलोमीटर की विजिबिलिटी निर्धारित की गई।
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नाइट लैंडिंग के लिए चल रहा काम
एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग के लिए कैट आई लगाने का काम चल रहा है। इसमें जीपीएस प्रणाली लगी होगी। जिससे कम्प्यूटर की सहायता से विमान अपने आप रनवे पर लैंडिंग कर सकेगा। राज्य सरकार ने फ्लाइट उड़ाने के लिए डीजीसीए से जरूरी लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया है।विभाग कि ओर से कहा गया है कि उनका पूरा फोकस हवाई अड्डा संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना है। इसके लिए हरियाणा सरकार के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने अपनी ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है।