जयपुर में नूंह के दो युवकों की कटी लाशें मिलीं : परिजन बोले- हत्या को हादसे का रूप देने की साजिश
जयपुर में नूंह के दो युवकों की कटी हुई लाशें रेलवे ट्रैक पर मिलीं। परिजनों ने हत्या का शक जताया, बोले- हादसे का रूप देने की साजिश की गई है।;

जयपुर में नूंह के दो युवकों की लाशें मिलीं : हरियाणा के नूंह जिले से ताल्लुक रखने वाले दो युवकों की जयपुर में हुई रहस्यमयी और भयावह मौत ने दोनों परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। दोनों युवकों की क्षत-विक्षत लाशें जयपुर के एक रेलवे ट्रैक के पास मिलीं। शव इतने बुरी तरह से कटे हुए थे कि पहचान कर पाना मुश्किल हो गया था। मृतकों की पहचान नूंह के नहेदा गांव निवासी इकराम (31) और मुलथान गांव निवासी मौसम (28) के रूप में हुई है।
परिजनों का आरोप है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है। उनका मानना है कि हत्या करने के बाद दोनों के शवों को रेलवे ट्रैक पर डाल दिया गया ताकि हत्या को आत्महत्या या रेल हादसे का रूप दिया जा सके।
दोस्ती बनी थी दिल्ली की जमात में, जयपुर गए थे रोजगार के लिए
मौसम और इकराम की मुलाकात दिल्ली की एक जमात में हुई थी, जहां से उनकी दोस्ती की शुरुआत हुई। दोनों युवक ईद के मौके पर अपने-अपने घर लौटे थे और फिर 10 अप्रैल को साथ जयपुर चले गए। इकराम पहले से ही जयपुर की फल मंडी में काम कर रहा था, जबकि मौसम पहली बार वहां रोजगार के लिए गया था। दोनों के जयपुर पहुंचने के बाद उनके परिवारों का उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका। कई बार कॉल करने के बाद भी जब जवाब नहीं मिला तो परिजनों को चिंता सताने लगी। उन्होंने जयपुर जाकर तलाश शुरू की और स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी दी, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
रेलवे ट्रैक पर टुकड़ों में मिले शव, पहचान करना हुआ मुश्किल
रविवार को पुलिस ने सूचना दी कि जयपुर रेलवे स्टेशन के पास दो युवकों के क्षत-विक्षत शव बरामद हुए हैं। शवों की हालत ऐसी थी कि पहचान करना मुश्किल हो गया था। इकराम की पहचान उसके कपड़ों से की गई, जबकि मौसम की पहचान हाथ में पहनी अंगूठी से हुई, जिस पर उसका नाम खुदा हुआ था। चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनों शवों के बीच करीब दो किलोमीटर की दूरी थी। मौसम के शव से सिर भी गायब था। यह पूरी स्थिति परिजनों की उस आशंका को बल देती है, जिसमें वे कह रहे हैं कि युवकों की बेरहमी से हत्या की गई और फिर शवों को रेलवे ट्रैक पर फेंककर मामले को आत्महत्या या हादसे की शक्ल देने की कोशिश की गई।
गर्भवती पत्नी और मासूम बच्चों का टूटा सहारा
इस घटना ने दो परिवारों की दुनिया उजाड़ दी है। इकराम की शादी को 10 साल हो चुके थे और उसका एक डेढ़ साल का बेटा है। वहीं मौसम की पत्नी 7 महीने की गर्भवती है और उसके पहले से तीन छोटे बच्चे हैं—दो बेटे और एक बेटी। मौसम की पत्नी की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, जो पति की दर्दनाक मौत के बाद सदमे में हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें अब भी भरोसा नहीं हो रहा कि उनके घर के जवान बेटे ऐसे भीषण अंत का शिकार हो सकते हैं। उनका आरोप है कि पुलिस और प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसकी वजह से सच्चाई अब तक सामने नहीं आ पाई है।
गांव में पसरा मातम, जनाजे में उमड़ा सैलाब
सोमवार शाम को जब दोनों युवकों के शव उनके पैतृक गांव लाए गए तो पूरे गांव में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। जनाजे में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिन्होंने इस जघन्य अपराध पर गहरा दुख और आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने एक सुर में सरकार से निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
परिजनों की मांग : हो CBI जांच या उच्चस्तरीय SIT गठन
इकराम और मौसम के परिजनों का कहना है कि उन्हें राजस्थान पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। वे चाहते हैं कि इस मामले की जांच CBI से कराई जाए या फिर हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त उच्चस्तरीय SIT गठित की जाए। उनका कहना है कि जब तक मामले की गहराई से जांच नहीं की जाएगी, तब तक सच्चाई सामने नहीं आ सकती।