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चंडीगढ़ में तीन लोगों से टेलीग्राम और वॉट्सऐप के जरिए 42 लाख की ठगी हुई। आरोपियों ने ऑनलाइन पार्ट-टाइम जॉब, क्रिप्टो ट्रेडिंग और शेयर इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर शुरुआत में मुनाफा दिखाया, फिर लाखों की ठगी की। साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सतर्क रहने की अपील की गई है।

42 lakhs cheated : चंडीगढ़ में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग करते हुए ठग अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टेलीग्राम और वॉट्सऐप के जरिए लोगों को लुभाकर ठगी के शिकार बना रहे हैं। हाल ही में सामने आए तीन अलग-अलग मामलों में एक महिला समेत तीन लोगों से कुल 42 लाख रुपये की ठगी की गई है। इन मामलों में नौकरी, क्रिप्टो ट्रेडिंग और शेयर इन्वेस्टमेंट के नाम पर पहले थोड़ा मुनाफा दिखाकर उनका भरोसा जीता गया और फिर बड़ी रकम ठग ली गई। अब चंडीगढ़ साइबर सेल ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

नौकरी का झांसा : महिला से 11 लाख की ठगी

सेक्टर-11 बी की रहने वाली 31 वर्षीय स्निग्धा रेड्डी के साथ ठगी की शुरुआत एक वॉट्सऐप मैसेज से हुई। अज्ञात नंबर से उन्हें ऑनलाइन पार्ट-टाइम वीडियो जॉब की पेशकश की गई। बातचीत आगे बढ़ी तो उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया, जहां पर उन्हें छोटे-छोटे टास्क पूरे करने के एवज में पैसे कमाने का झांसा दिया गया। शुरुआत में स्निग्धा को 1,300 और 20,000 रुपये जैसे छोटे-छोटे भुगतान भी किए गए। इससे उनका भरोसा बन गया। इसी विश्वास में आकर उन्होंने अपने एसबीआई और एचडीएफसी बैंक खातों से कुल 10.99 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने कहा कि उनका खाता ब्लॉक हो गया है और उसे अनब्लॉक कराने के लिए और पैसे चाहिए। जब स्निग्धा ने और पैसे देने से इनकार किया, तो उनका संपर्क काट दिया गया।

फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग वेबसाइट से 21 लाख की ठगी

मनीमाजरा निवासी विकास शर्मा के साथ हुई ठगी में टेलीग्राम चैनल और एक फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग वेबसाइट का इस्तेमाल किया गया। उन्हें 4 सितंबर 2024 को एक वॉट्सऐप मैसेज आया जिसमें पार्ट-टाइम सर्वे जॉब की बात कही गई थी। वह झांसे में आकर टेलीग्राम चैनल से जुड़ गए, जहां पर उन्हें धीरे-धीरे निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। शुरुआत में कुछ लाभ दिखाकर उनका विश्वास जीत लिया गया। विकास ने तीन महीने में कुल 20,88,455 रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने निवेश की गई रकम निकालने की कोशिश की, तो तरह-तरह के बहाने बनाए गए और बाद में उनका नंबर भी ब्लॉक कर दिया गया। जांच में सामने आया है कि आरोपी कई फर्जी टेलीग्राम आईडी और नकली वेबसाइट्स के जरिए लोगों को फंसाते हैं। यहां तक कि वैध दिखाने के लिए फर्जी आधार कार्ड का भी इस्तेमाल करते हैं। 

शेयर बाजार का लालच : 11 लाख की ठगी

सेक्टर-15 निवासी राजेश कुमार शर्मा को भी टेलीग्राम और वॉट्सऐप के माध्यम से निशाना बनाया गया। उन्हें एक ‘जीओजीत’ नामक फर्जी वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां शेयर ट्रेडिंग के नाम पर मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। पहले थोड़े-बहुत पैसे लौटाकर उनका विश्वास जीता गया, फिर धीरे-धीरे उनसे 10,99,520 रुपये निवेश करवाए गए। जैसे ही उन्होंने पैसे निकालने की बात की, उन्हें ग्रुप से हटा दिया गया और संपर्क पूरी तरह से काट लिया गया। परेशान होकर राजेश ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है। 

पुलिस की चेतावनी : सतर्क रहें, लालच से बचें

चंडीगढ़ साइबर सेल ने तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारी बता रहे हैं कि इन ठगी के मामलों में आमतौर पर पहले थोड़ा-थोड़ा मुनाफा दिखाकर लोगों का भरोसा जीता जाता है, फिर उन्हें एक 'हाई रिटर्न' स्कीम में निवेश के लिए प्रेरित किया जाता है। पुलिस का कहना है कि कोई भी अनजान लिंक, वॉट्सऐप मैसेज या टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ने से पहले अच्छी तरह जांच करें। किसी भी प्रकार के निवेश से पहले उसकी वैधता की पुष्टि करें और हमेशा RBI या SEBI से रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें। 

डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है, वहीं उसके दुरुपयोग से आम लोग भारी नुकसान भी झेल रहे हैं। चंडीगढ़ में सामने आए ये मामले यह स्पष्ट करते हैं कि ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार केवल तकनीक से अनभिज्ञ लोग ही नहीं, बल्कि शिक्षित और जागरूक लोग भी हो सकते हैं। इसलिए सतर्कता और जागरूकता ही ऐसे साइबर अपराधों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। 

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