Big step on declining sex ratio : हरियाणा सरकार ने राज्य में गिरते लिंगानुपात को गंभीरता से लेते हुए इसके सुधार के लिए निर्णायक और सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के नेतृत्व में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PNDT) अधिनियम को और प्रभावी बनाने की दिशा में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों का उद्देश्य अवैध लिंग परीक्षण, कन्या भ्रूण हत्या और अनियमित प्रजनन सेवाओं पर सख्ती से लगाम लगाना है।
हर जिले में बनेगा DSP के नेतृत्व में विशेष पुलिस सेल
अब हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (DGP) को स्वास्थ्य विभाग पत्र लिखकर यह अनुरोध करेगा कि हर जिले में एक DSP रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस सेल गठित की जाए। इन इकाइयों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे फर्जी ग्राहक बनकर छापेमारी कर सकें, एफआईआर दर्ज कर सकें और अवैध गतिविधियों का भंडाफोड़ कर सकें। इन विशेष टीमों को यह अधिकार होगा कि वे किसी भी संदेहास्पद क्लिनिक, सेंटर या संस्था पर कार्यवाही कर सकें। पुलिस विभाग की यह समर्पित इकाई कन्या भ्रूण हत्या और अवैध लिंग परीक्षण के नेटवर्क को तोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।
स्वास्थ्य विभाग को अब पुलिस पर नहीं रहना होगा निर्भर
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अभी तक विभाग छापेमारी के लिए जिला पुलिस पर निर्भर रहता था, जिससे कार्यवाही में बाधाएं आती थीं। चूंकि पुलिस की टीमें अक्सर बदलती रहती थीं, इसलिए निरंतरता और प्रभावशीलता में कमी रहती थी। अब एक समर्पित और प्रशिक्षित पुलिस यूनिट के गठन से यह बाधा दूर होगी।
IVF सेंटरों पर सख्ती, 18 होंगे बंद
सरकार ने 18 अपंजीकृत एवं अनियमित IVF केंद्रों की पहचान की है, जिन्हें अब बंद किया जाएगा। इन केंद्रों पर न सिर्फ कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी, बल्कि शहरी निकायों, बिजली और जल आपूर्ति विभाग के सहयोग से उनकी बिजली, पानी और नगर पालिका सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। इन उपायों का मकसद है कि किसी भी प्रकार की गैरकानूनी प्रजनन सेवाएं राज्य में न चल सकें।
MTP मामलों की होगी सघन जांच
अब से हर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) यानी गर्भपात के मामलों में 12 सप्ताह पर अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही, गर्भपात की सही वजह बताने वाली रिपोर्ट पहले जिला स्तर पर और फिर राज्य मुख्यालय द्वारा रैंडम तरीके से दोबारा जांची जाएगी। इससे अवैध रूप से किए जा रहे गर्भपात को रोकने में मदद मिलेगी। STF की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में 27 IVF सेंटरों से प्राप्त संदिग्ध MTP मामलों की समीक्षा की जाएगी। जिला समितियों से इस पर अंतिम रिपोर्ट जल्द मांगी गई है।
गांव स्तर पर लिंगानुपात का डेटा एकत्रित होगा
पिछले पांच वर्षों में ग्राम स्तर पर लिंगानुपात की समीक्षा की जाएगी। इससे उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां लगातार कन्या जन्म की संख्या कम रही है। सरकार की योजना है कि इन क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान और निगरानी बढ़ाई जाए।
SMO को भेजे गए नोटिस, जवाब तलब
12 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMO) को उनके अधिकार क्षेत्र में लिंगानुपात में गिरावट को लेकर नोटिस भेजे गए हैं। इनसे जवाब मांगा गया है कि आखिर क्यों उनके क्षेत्रों में लड़कियों का अनुपात लगातार घट रहा है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कम समय के डेटा से निष्कर्ष निकालना कठिन होता है, इसलिए पांच वर्षों का आंकड़ा मंगवाया गया है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के प्रबंध निदेशक व्यक्तिगत रूप से करेंगे और अभियोजन निदेशक भी इसमें सहयोग करेंगे ताकि कानूनी कार्यवाही समन्वित रूप से हो सके।
पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय की उम्मीद
हरियाणा सरकार के इन प्रयासों से साफ है कि अब राज्य लिंगानुपात की समस्या को केवल एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि कानून और व्यवस्था से जुड़ा गंभीर विषय मान रहा है। पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय से उम्मीद की जा रही है कि हरियाणा एक बार फिर देश में संतुलित लिंगानुपात की दिशा में अग्रणी राज्य बन पाएगा।