रेलवे फाटक पर कंबल में लिपटी मिली बच्ची : पास में रखी थी दूध की बोतल, पानीपत में राहगीर ने कहा मैं पालूंगा इसे....

Committee chairperson Savita Arya and others looking at girl undergoing treatment at Civil Hospital
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पानीपत के सिविल अस्पताल में उपचाराधीन बच्ची को देखतीं समिति अध्यक्ष सविता आर्या व अन्य।
पानीपत में रेलवे फाटक के पास लावारिस मिली 2 माह की बच्ची, दूध की बोतल और कंबल के साथ छोड़ी गई। राहगीर ने पुलिस को दी सूचना, अस्पताल में भर्ती।

Girl child found wrapped in blanket at railway crossing : हरियाणा के पानीपत में मंगलवार देर रात एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया, जब शहर के कच्ची काबड़ी रेलवे फाटक पर एक 2 महीने की मासूम बच्ची लावारिस हालत में मिली। ठंडी हवा के बीच वह बच्ची एक बेंच के पास कंबल में लिपटी हुई थी और उसके पास ही एक दूध की बोतल रखी थी। बच्ची की धीमी रोने की आवाज ने एक राहगीर को अपनी ओर खींचा, और फिर शुरू हुआ एक ऐसा सिलसिला, जो एक बार फिर इंसानियत की मिसाल बन गया।

राहगीर ने दिखाई मानवीय संवेदना, कहा- इसे मैं अपनी बेटी बनाना चाहता हूं

इस घटना का सबसे भावुक पक्ष तब सामने आया, जब बच्ची को सबसे पहले देखने वाले युवक ने कहा कि वह इस मासूम को गोद लेना चाहता है। युवक का कहना है कि अगर सरकार और प्रशासन उसे अनुमति दें, तो वह इस बच्ची की परवरिश खुद करेगा। मुझे नहीं पता किसने इसे यहां छोड़ा, लेकिन अब ये बच्ची मेरे दिल के बेहद करीब है। मैं इसे एक सुरक्षित और स्नेहभरा भविष्य देना चाहता हूं।

रात में ऐसे मिली बच्ची

रात करीब 11 बजे एक युवक कच्ची काबड़ी रेलवे फाटक के पास से गुजर रहा था। तभी उसे एक कंबल के भीतर कुछ हलचल महसूस हुई और हल्की सी रोने की आवाज सुनाई दी। जब वह पास पहुंचा तो देखा कि एक नन्हीं सी जान कंबल में लिपटी हुई है, और उसके पास दूध की बोतल भी रखी हुई है। उसने तुरंत बच्ची को अपनी गोद में उठाया और आसपास मौजूद लोगों को बताया। देखते ही देखते मौके पर भीड़ जमा हो गई। तुरंत पुलिस को सूचित किया गया और 112 नंबर पर कॉल करके सहायता मांगी गई।

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही जीआरपी (रेलवे पुलिस) और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। बच्ची को तत्काल पानीपत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का प्राथमिक उपचार किया और बताया कि फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है। बच्ची का पूरा मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है और वह डॉक्टरों की निगरानी में है।

जीआरपी कर रही जांच, जल्द दर्ज होगा केस

जीआरपी इंस्पेक्टर विजय पाल ने जानकारी दी कि यह इलाका रेलवे फाटक के नजदीक होने के कारण मामला जीआरपी के अंतर्गत आता है। पुलिस ने बच्ची के मिलने की जगह से आसपास के CCTV फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि बच्ची को किसने और कब वहां छोड़ा। जीआरपी इंस्पेक्टर विजय पाल ने कहा कि फिलहाल सभी जरूरी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जल्द ही केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाएं बेहद संवेदनशील होती हैं और हम इसमें पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।

बाल कल्याण समिति भी हुई सक्रिय

पानीपत जिला बाल कल्याण समिति (CWC) की अध्यक्ष सविता आर्या भी बच्ची को देखने अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने बताया कि बच्ची को सरकारी सुरक्षा में रखा गया है और जब तक पूरी जांच पूरी नहीं हो जाती, उसे किसी को भी नहीं सौंपा जाएगा। ऐसी घटनाएं समाज के लिए बहुत बड़ा सवाल हैं। कैसे कोई अपने दिल के टुकड़े को यूं छोड़ सकता है? फिलहाल बच्ची पूरी तरह से सुरक्षित है, और समिति तय प्रक्रिया के तहत ही गोद देने पर विचार करेगी।

...आखिर क्यों छोड़ दी गई मासूम

यह घटना एक बार फिर समाज में लड़कियों के प्रति सोच, गरीबी, और असुरक्षा जैसे मुद्दों पर सवाल खड़े करती है। कई बार मजबूरी में माता-पिता ऐसे कदम उठाते हैं, लेकिन इसका खामियाजा एक मासूम को भुगतना पड़ता है। यह घटना सिर्फ एक बच्ची के लावारिस छोड़े जाने की नहीं, बल्कि समाज की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व की भी है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

जैसे ही यह खबर वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोगों की संवेदनशीलता और गुस्सा दोनों देखने को मिला। एक यूजर ने लिखा – किसी को इतनी प्यारी जान कैसे छोड़ने का दिल कर सकता है? दूसरे ने कहा– इस बच्ची को वो राहगीर ही गोद ले, जिसने पहले इसे अपनाया। कुछ ने सवाल उठाया –कहां हैं सरकार की महिला सशक्तिकरण की योजनाएं?

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