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हरियाणा के कोसली हलके में भाजपा प्रत्याशी अनिल डहीना को झटका देते हुए पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ने भाजपा को अलविदा कहते हुए कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश यादव के समर्थन की घोषणा की। बिक्रम सिंह कल दीपेंद्र हुड्डा की रैली में कांग्रेस ज्वाइन करेंगे, जिसका भाजपा को नुकसान हो सकता है।

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: कोसली हलके से राव इंद्रजीत सिंह समर्थित भाजपा प्रत्याशी अनिल डहीना को मतदान से ठीक चार दिन पहले मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठेकेदार ने भाजपा को अलविदा करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश यादव को समर्थन की घोषणा कर दी। बिक्रम ठेकेदार अब जगदीश यादव के समर्थन में दो अक्टूबर को होने वाली दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में कांग्रेस ज्वाइन करने की घोषणा करेंगे। इससे कोसली हलके में भाजपा को नुकसान हो सकता है।

राव इंद्रजीत के खास समर्थक थे बिक्रम सिंह

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बिक्रम सिंह ठेकेदार खास समर्थक रह चुके हैं। 2014 के विधानसभा चुनावों में राव ने बिक्रम ठेकेदार को भाजपा की टिकट दिलाकर विधायक बनाने और बाद में मंत्री पद दिलाने में सीधी भूमिका अदा की थी। कुछ समय बाद ही उनके राव के साथ मतभेद शुरू हो गए, जिस कारण उनकी मंत्री पद से छुट्टी करा दी गई थी। बिक्रम ठेकेदार ने शेष समय विधायक के रूप में निकाला। 2019 के विधानसभा चुनावों में बिक्रम ठेकेदार ने दूसरी बार टिकट के प्रयास किए, लेकिन राव ने उनकी टिकट का रास्ता रोक दिया। टिकट कटने के बाद भी बिक्रम भाजपा में ही बने रहे।

लक्ष्मण सिंह का दिया था साथ

बिक्रम सिंह ने 2019 में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव का पूरा साथ दिया, जिस कारण लक्ष्मण भारी अंतर से विजयी हुए थे। राव से दूरी बनने के बाद लक्ष्मण ने एंटी राव खेमे के नेताओं डॉ. सुधा यादव, भूपेंद्र यादव व सीएम मनोहरलाल से अच्छे संबंध बना लिए थे। उन्हें इस बार कोसली से टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी। इस बार भी राव के कारण बिक्रम ठेकेदार भाजपा की टिकट से वंचित रह गए। पार्टी ने राव इंद्रजीत सिंह के दबाव में नए प्रत्याशी के रूप में अनिल डहीना को टिकट थमा दी। टिकट फाइनल होते ही बिक्रम ठेकेदार ने कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाकर बागी तेवर दिखा दिए थे, परंतु शीर्ष नेतृत्व से मिले निर्देशों के बाद वह शांत हो गए।

दो विरोधी मिलकर देंगे मात

बिक्रम ठेकेदार ने जगदीश यादव को 2014 के विधानसभा चुनावों में लगभग सात फीसदी मतों के अंतर से हराया था। राव की तरह जगदीश यादव के साथ भी बिक्रम के राजनीतिक संबंध विरोधी की तरह ही रह चुके हैं। अब राव के विरोध की राजनीति करने वाले जगदीश यादव का साथ देने के लिए दूसरे विरोधी बिक्रम ठेकेदार का खुलकर मैदान में आना राव समर्थित प्रत्याशी के लिए खतरे की घंटी साबित होने लगा है। कांग्रेस के नाराज नेता अनिल पाल्हावास ने जगदीश यादव को जिताने के लिए प्रचार के अंतिम दौर में सक्रियता बढ़ाते हुए उनके साथ जनसभाओं में भाग लेना शुरू कर दिया है।

बिक्रम के साथ आने से मजबूत हुए जगदीश

जगदीश यादव का कोसली हलके में अपना मजबूत व्यक्तिगत जनाधार माना जाता है। अनिल पाल्हावास का भी अच्छा जनाधार है। अनिल पाल्हावास ने जगदीश यादव को जिताने के लिए प्रचार के अंतिम दिनों में पूरी ताकत झोंक दी है। वह जगदीश यादव के साथ खुलकर चुनावी सभाओं में भाग ले रहे हैं। उनके समर्थकों की टीम भी जगदीश को जिताने के लिए मजबूती से काम कर रही है। अब अचानक बिक्रम ठेकेदार का भाजपा छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में आना अनिल डहीना के लिए बड़े घाटे का सौदा साबित होने लगा है। अनिल को जिताने के लिए बनाई गई रणनीति अब राव खेमे पर ही भारी पड़ती नजर आने लगी है।

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