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हरियाणा के रेवाड़ी में राजस्थान के भिवाड़ी से केमिकल युक्त पानी छोड़ा जा रहा है, जो लोगों के घरों व दुकानों में घुस रहा है। दो राज्यों की सरकार मिलकर भी इस समस्या का समाधान नहीं कर पाई। केमिकल युक्त पानी लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।

रेवाड़ी: हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर लंबे समय से सड़क पर छोड़ा जा रहा कंपनियों का केमिकल युक्त दूषित पानी लोगों के लिए आफत बना हुआ है। कस्बा धारूहेड़ा से भिवाड़ी के नेशनल हाइवे नंबर-919 पर पूरी तरह जलभराव हो चुका है। दूषित पानी के जलभराव के कारण जहां सड़क पर गड्ढे हो चुके है, वही दूषित पानी को रोकने के लिए हरियाणा की सीमा में गत वर्ष बनाया गया रैंप भी जर्जर अवस्था में आ चुका है। बरसात के कारण समस्या और भी विकट बनी हुई है।

भारी मात्रा में आया केमिकल युक्त पानी

बुधवार को राजस्थान भिवाड़ी की कंपनियों ने एक बार फिर बरसात आने पर भारी मात्रा में केमिकल युक्त दूषित पानी छोड़ दिया, जिससे नेशनल हाइवे-919 पूरी तरह जलमग्न हो गया। यहां तक कि दूषित पानी आगे निकलकर गांव महेश्वरी व सेक्टरों तक पहुंच गया। यह पानी महेश्वरी की दुकानों व घरों के अंदर तक भर गया, जिससे लोगों को खासी परेशानी का समाना करना पड़ा। नेशनल हाइवे-919 सोहना रोड पर हुए जलभराव में फंसे वाहनों को निकालने के लिए चालकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

दूषित पानी को लेकर सरकार व प्रशासन मौन

दो राज्यों की सरकार लंबे समय से कंपनियों से निकलने वाले दूषित पानी को सड़कों पर आने से रोक नहीं पा रही है। दूषित पानी जमा होने के कारण एनएच-919 सोहना रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। रैंप बनाने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। बरसात शुरू होते ही भिवाड़ी के उद्योगों का स्टोर किया हुआ केमिकल युक्त पानी सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। इस संबंध में दोनों राज्यों के अधिकारी कई बैठकें भी कर चुके है, लेकिन समस्या का समाधान करने में नाकाम साबित हुए। जलभराव के कारण सोहना हाइवे लगभग बंद पड़ा हुआ है।

दो राज्यों के लोग दूषित पानी से परेशान

दूषित पानी मामला एनजीटी कोर्ट में जाने के बाद राजस्थान सरकार पर 200 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया था। एनजीटी के आदेशों को तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए फैसले पर स्टे आर्डर ले लिया था। इस समय राजस्थान व हरियाणा में भाजपा की सरकार है, लेकिन फिर भी दोनों राज्यों के लोग दोनों तरफ जमा दूषित पानी के भराव की समस्या से परेशान हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लगभग दो साल तक दूषित पानी की समस्या के स्थाई समाधान को लेकर दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारियों की कई बार बैठकें ली, लेकिन सार्थक परिणाम नहीं मिले।

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