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हरियाणा के रेवाड़ी में सीआईए ने चोरी की योजना बनाते हुए 5 आरोपियों को काबू किया। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया। आरोपियों से चोरी की कई वारदातों का खुलासा होने की आशंका है।

रेवाड़ी: सीआईए-3 ने अंतर्राज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 5 आरोपियों को काबू किया, जिनके कब्जे से हथियारों का जखीरा बरामद किया। आरोपी रात के समय देहलावास नहर के पास ट्यूबवेल के कोठरे में बैठकर लूट (Robbery) की वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। आरोपियों के कब्जे से पांच देसी कट्टे, 18 जिंदा कारतूस व चोरी में इस्तेमाल किए जाने वाले औचार बरामद हुए। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान आरोपियों से कई वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है। उनके खिलाफ जाटूसाना पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया गया।

नहर के पास बना रहे थे लूट की योजना

सीआईए कोसली को सूचना मिली कि कुछ लोग बेरली-देहलवास नहर के पास एक ट्यूबवेल की कोठरी में संदिग्ध अवस्था में मौजूद हैं। सूचना मिलने के बाद सीआईए की टीम मौके पर पहुंची। वहां मौजूद लोग आपस में लूट की किसी वारदात को अंजाम देने के बारे में बातचीत कर रहे थे। सीआईए ने मौके पर मौजूद पांच लोगों को काबू किया। तलाशी लेने पर उनके कब्जे से हथियार बरामद हुए। आरंभिक पूछताछ में आरोपियों ने हरियाणा और राजस्थान (Rajasthan) में एक साल के दौरान चोरी की कई वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की।

आरोपियों की हुई पहचान

लूट की योजना बनाते आरोपियों की पहचान मूल रूप से दिल्ली के नजफगढ़ निवासी देवेंद्र उर्फ सुभाष उर्फ मोटा, गाजियाबाद के सिल्वर सिटी पावी सादकपुर निवासी जगदीश उर्फ लंबू उर्फ काली व प्रेमपाल उर्फ लीला, गाजियाबाद में मोहल्ला सबूल गढ़ी निवासी मुकेश उर्फ रामू उर्फ भोपाल व राजस्थान के रूध इकरन निवासी राज के रूप में हुई। देवेंद्र, राज, प्रेमपाल और जगदीश बावल के शेखपुर में रह रहे हैं, जबकि मुकेश धारूहेड़ा अग्निशमन केंद्र के पास रह रहा है।

बावल में बैठकर बनाते थे योजना

पुलिस सूत्रों के अनुसार चार आरोपी बावल के शेखपुर में रह रहे हैं। यहीं से बावल के आसपास राजस्थान के सीमावर्ती गांवों में भी चोरी की वारदातों को अंजाम देने की योजना बनाई जाती थी। एक आरोपी पर पहले से ही 15 के आसपास आपराधिक (Criminal) मामले दर्ज हैं। इनके तार यूपी के बदमाशों के साथ भी जुड़े होने के संकेत मिले हैं, जिन्होंने इन लोगों को अवैध हथियार उपलब्ध कराए थे। पूछताछ के बाद सीआईए की टीम यूपी में भी संभावित ठिकानों पर दबिश देने के लिए निकल गई।

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