रेवाड़ी: गाजियाबाद के लोनी में रहने वाले राजेंद्र ने यूपी में एक के बाद एक चोरी की कई वारदातों को अंजाम देने के बाद मोस्ट वांटेड का दर्जा हासिल किया। वहीं उसके दो बेटों ने पिता से चार कदम आगे बढ़ते हुए यूपी में बनाए चोरी और सेंधमारी के नेटवर्क को हरियाणा और राजस्थान (Rajasthan) तक विस्तार दे दिया। सीआईए के हत्थे चढ़े लूट की योजना बनाते पांच लोगों से खुलासा हुआ कि यूपी के मोस्ट वांटेड राजेंद्र के दो बेटों देवेंद्र उर्फ सुभाष और मुकेश उर्फ रामू ने लगभग तीन से चार साल में गिरोह बनाकर अलग-अलग स्थानों पर चोरी की वारदातों को अंजाम दिया। इन पर एक-एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है।
मेहनत मजदूरी का करते थे नाटक
यूपी में दोनों भाईयों ने पिता के मोस्टवांटेड घोषित होने के बाद बड़ा चोर गिरोह बनाया, जिसने चोरी और सेंधमारी की कई वारदातों को अंजाम दिया। दोनों भाईयों के साथ काबू किए तीन अन्य आरोपी इन्हीं के इशारे पर चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। दोनों आरोपी बावल के शेखपुर में काफी दिनों से रह रहे थे, परंतु उन्होंने मेहनत मजदूरी के धंधे का नाटक करते हुए खुद को पुलिस और पब्लिक की नजर से बचाए रखा। आरोपियों से बड़ी संख्या में अवैध हथियार बरामद होने से इस बात की पुष्टि हो रही है कि आरोपी अब छोटी चोरियों (Thefts) की बजाय बड़ा हाथ मारने की तैयारी में थे। पुलिस अभी हथियारों की सप्लाई को लेकर भी जांच में जुटी है।
बंद मकान गिरोह के निशाने पर रहे
पुलिस जांच में सामने आया कि देवेंद्र और उसका भाई मुकेश गिरोह के अन्य सदस्यों से ऐसे मकानों की रेकी कराते थे, जो बंद नजर आते थे। दो-तीन दिन तक मकान बंद मिलने के बाद उन्हें इस बात का यकीन हो जाता था कि परिवार के सदस्य कहीं बाहर गए हुए हैं। इसके बाद ही वह मकान में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। मकानों से जेवरात चोरी की ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया गया, जिस कारण पुलिस (Police) आरोपियों से रिमांड के दौरान जेवरात की रिकवरी करने में लगी हुई है। पुलिस ने रिमांड के तुरंत बाद काफी जेवरात भी बरामद किए।
राजस्थान में कई मकानों में सेंध
आरंभिक पूछताछ में दोनों भाईयों ने राजस्थान में कई स्थानों पर चोरी और सेंधमारी की वारदातों को अंजाम देने की बात स्वीकार की। दोनों पर काफी आपराधिक केस दर्ज हैं, जिनके बारे में पुलिस जानकारी एकत्रित कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीआईए (CIA) ने दोनों भाइयों के गिरोह से जुड़े कुछ और सदस्यों को भी मंगलवार रात यूपी से उठा लिया, परंतु पुलिस ने उनके बारे में अभी कोई खुलासा नहीं किया। डीएसपी डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ करते हुए चोरी की सभी वारदातों और उन पर दर्ज केसों का ब्योरा हासिल करने में जुटी हुई है।