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हरियाणा के बावल में राजस्थान के सरिस्का वन्य प्राणी अभ्यारण से चार दिन पूर्व निकला टाइगर रविवार की रात झाबुआ बीहड़ में विचरण करते हुए वन विभाग के कैमरे में कैद हो गया। राजस्थान से आई सात टीमों के 20 कर्मचारी टाइगर को पकड़ने में लगे हुए है।

बावल/रेवाड़ी: राजस्थान के सरिस्का वन्य प्राणी अभ्यारण से चार दिन पूर्व निकला टाइगर रविवार की रात झाबुआ बीहड़ में विचरण करते हुए वन विभाग के कैमरे में कैद हो गया। टाइगर में झाबुआ बीहड़ में रेस्क्यू के लिए राजस्थान से आई सात टीमों के 20 कर्मचारी लगे हुए हैं। बीहड़ के आसपास लगभग एक दर्जन गांवों के किसानों का खेतों में जाना बंद हो गया है। प्रशासन ने किसानों को बाघ से सावधान रहने की सलाह दी।

15 अगस्त को पहुंचा था झाबुआ

बाघ 15 अगस्त को अलवर के सरिस्का में लवकुश वाटिका क्षेत्र के पास से निकलकर मुंडावर होता हुआ शुक्रवार रात को झाबुआ के बीहड़ पहुंच गया। इस दौरान बासनी व दरबारपुर के पांच लोगों को गंभीर रूप से घायल कर चुका है। यही बाघ सात माह पूर्व भी जिले धारूहेड़ा क्षेत्र के गांवों के खेतों में पहुंच गया था। उस समय भी दो वन कर्मियों को घायल कर दिया था। झाबुआ का बीहड़ राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर स्थित है। बीहड़ के आसपास के खेतों में किसानों ने जाना बंद कर दिया है, जिसके कारण किसानों की फसल भी खराब होने लगी है।

200 एकड़ में है जंगली जीव जंतु

झाबुआ के करीब 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस वन में अनेक प्रकार के जंगली जीव जंतु रहते हैं। बताया जा रहा है कि बाघ जंगल के जीवों को अपना शिकार बना रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ का पता लगाने के लिए कैमरे लगाए हुए हैं। रात के समय बाघ बीहड़ में विचरण करता हुआ दिखा है, जिसके बाद उसे रेस्क्यू करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

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