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हरियाणा के रेवाड़ी में सरिस्का से निकलकर एक बाघ झाबुआ बीहड़ में पहुंच गया, जिसे गांव जखोपुर में बाजरे के खेत में देखा गया। सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघ को तलाशने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही है।

रेवाड़ी: राजस्थान के सरिस्का से निकलकर एक बाघ फिर से झाबुआ बीहड़ में पहुंच गया। शनिवार सुबह समीपवर्ती गांव जखोपुर में बाघ को देखा गया। ग्रामीणों ने बाघ को अल सुबह बाजरे के खेत में घुसते हुए देखा तथा वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद ग्रामीणों ने खेतों में बने मकानों की छतों से बाघ पर निगरानी रखना शुरू कर दिया। सूचना मिलने के बाद अलवर व सरिस्का वन विभाग के अधिकारी व पुलिस मौके पर पहुंची और बाघ को पकड़ने का प्रयास शुरू किया।

खेत में काबू नहीं आया बाघ

वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर काफी देर तक बाघ को पकड़ने का प्रयास शुरू नहीं किया, जिसके कारण ग्रामीणों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझा कर शांत करवाया। विरोध के बाद जयपुर से चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची तथा ग्रामीणों ने खेत को चारों ओर से घेरकर चार अर्थमूवर मशीनों से बाघ को तलाश करना शुरू कर दिया। शाम तक विभाग की टीम व ग्रामीण बाघ को तलाश करते रहे, लेकिन बाघ को काबू नहीं कर पाए। वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने का प्रयास कर रही है।

15 अगस्त को भी दिखा था बाघ

15 अगस्त को सरिस्का के बफर जोन से निकलकर एसटी-2303 बाघ झाबुआ के बीहड़ में पहुंच गया था। वन विभाग की टीमें लगातार तलाशी अभियान चला रही थी, लेकिन बाघ को काबू नहीं कर पाई। शनिवार सुबह बाघ समीपवर्ती गांव जखोपुर में पहुंच गया। ग्रामीणों ने बाघ को किसान महेंद्र सिंह के खेत में घुसते हुए देखा। उसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तो पहुंच गए, लेकिन 12 बजे तक बाघ को पकड़ने का अभियान शुरू नहीं किया, जिससे ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीण स्वयं हाथों में लाठी-डंडे लेकर खेतों की ओर निकल पड़े।

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