Kundiya Yajna in Rohtak: रोहतक में आज यानी 30 मार्च रविवार को 101 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया है। यज्ञ का आयोजन जाट कॉलेज के मैदान में किया गया। यज्ञ का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के साथ हुआ। यज्ञ सुबह साढ़े 9 बजे शुरू हुआ था। इस अनुष्ठान में रोहतक के सभी आर्य समाज से जुड़े संगठन शामिल हुए हैं। सभी ने यज्ञ लोगों के कल्याण की कामना की है। यज्ञ में भजन गायकों ने गायन के जरिये यज्ञ का हिंदू धर्म में महत्व के बारे में बताया।
कमल नारायण बने यज्ञ के ब्रह्मा
आर्य समाज से ब्रह्मचारी परविंद्र आर्य का कहना है कि वैदिक नववर्ष और वैदिक सिद्धांत प्रदर्शनी का आयोजन नवरात्रि के पहले दिन पर किया गया है। चैत्र मास की प्रतिपदा से ही हिंदू नववर्ष यानि विक्रम संवत की शुरु हो जाता है, इसलिए 30 मार्च यानी आज हिंदू नव संवत्सर 2082 की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण के शुरू किए गए यज्ञ से हुई है। जाट कॉलेज के मैदान में आयोजित 101 कुंडीय यज्ञ में छत्तीसगढ़ से डॉक्टर कमल नारायण यज्ञ ब्रह्मा के रूप में शामिल हुए।
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यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होता है- कमल नारायण
बताया जा रहा है कि कमल नारायण ने यज्ञ में महारत हासिल की हुई है। डॉक्टर कमल गुजरात के कच्छ में यज्ञ के जरिये लोगों को फायदा दे रहे हैं। आज कार्यक्रम में डॉक्टर कमल ने लोगों को यज्ञ के महत्व के बारे में समझाया, लोगों को हर घर में यज्ञ करने का संकल्प दिलाया।
कमल नारायण का कहना है कि यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध हो जाता है। उनका कहना है कि यज्ञ करने से वायु प्रदूषण दूर होता है, उनका कहना है कि यज्ञ के अंदर जो आहूति के तौर पर जो सामग्री डालते हैं,वह कई प्रकार की औषधियों से परिपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि यज्ञ का अपना साइंटिफिक महत्व होता है।यज्ञ से निकलने वाले धुएं की वजह से हानिकारक बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं।
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