रोहतक के जसिया गांव को मिलीं तीन खेल नर्सरियां : पहले जाट आरक्षण आंदोलन के कारण चर्चित हुआ था, जानें अब कैसी है प्रगति की राह 

Anurag Hooda, Sarpanch representative of village Jasiya.
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अनुराग हुड्डा, सरपंच प्रतिनिधि, गांव जसिया।
रोहतक का जसिया गांव, जो कभी जाट आरक्षण आंदोलन के लिए जाना जाता था, अब 24 घंटे बिजली, खेल नर्सरियों और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा है।


Jasia village of Rohtak got three sports nurseries : रोहतक जिले का जसिया गांव जो पहले जाट आरक्षण आंदोलन के कारण चर्चित हुआ करता था, अब प्रगति और विकास की दिशा में एक नई मिसाल प्रस्तुत कर रहा है। इस गांव को "म्हारा गांव जगमग गांव योजना" के तहत 24 घंटे बिजली की सुविधा मिली है, जिससे न केवल बच्चों और बुजुर्गों को राहत मिली है, बल्कि युवाओं में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यह गांव अब न केवल समाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में बढ़ रहा है, बल्कि खेलों में भी अपनी पहचान बनाने के लिए तत्पर है। वहीं अब खेलों के प्रति गांव की जागरूकता भी बढ़ रही है। गांव में तीन खेल नर्सरियां शुरू की गई हैं, जिसमें हैंडबाल, रेसलिंग और कबड्डी शामिल हैं। यह कदम खेलों के क्षेत्र में गांव की पहचान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

जसिया का इतिहास और जाट आरक्षण आंदोलन

जसिया गांव का नाम अक्सर जाट आरक्षण आंदोलन के संदर्भ में लिया जाता है। 2016 में जब जाट समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था, तो जसिया गांव में 25 फरवरी के बाद धरने की शुरुआत हुई थी। इस धरने के चलते जसिया गांव एक वर्ष तक राष्ट्रीय मीडिया में चर्चित रहा था। हालांकि, अब जसिया की पहचान केवल आंदोलन से नहीं, बल्कि विकास और समृद्धि के कारण भी बन रही है। यह गांव अब शिक्षा, खेल और बुनियादी सुविधाओं के मामले में एक मॉडल बनकर उभर रहा है।

पहले जसिया गांव में केवल 5 घंटे ही बिजली मिलती थी, अब 24 घंटे बिजली की सौगात

गांव के विकास के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम था 24 घंटे बिजली की व्यवस्था। पहले जसिया गांव में केवल 4-5 घंटे ही बिजली मिलती थी, जिसके कारण बच्चों और लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, खासकर गर्मियों में। बच्चों को स्कूल में गर्मी के कारण बहुत परेशानी होती थी। लेकिन अब होली के दिन इस गांव को 24 घंटे बिजली मिल रही है, जिससे लोगों में खुशी की लहर है। अब बच्चों को पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं होगी और ग्रामीणों की दैनिक जिंदगी आसान हो जाएगी।

खेल नर्सरी की शुरुआत खेलों में गांव की पहचान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

खेलों के प्रति गांव की जागरूकता भी बढ़ रही है। गांव में तीन खेल नर्सरियां शुरू की गई हैं, जिसमें हैंडबाल, रेसलिंग और कबड्डी शामिल हैं। यह कदम खेलों के क्षेत्र में गांव की पहचान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। करीब 150 लड़के और लड़कियां अब इन खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सरपंच प्रतिनिधि अनुराग हुड्डा का मानना है कि इन खेल नर्सरियों से निकले खिलाड़ी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि ओलंपिक तक अपनी पहचान बना सकते हैं।

रेसलिंग हॉल और जिम का निर्माण

गांव के विकास में एक और महत्वपूर्ण कदम था रेसलिंग हॉल का निर्माण। इस हॉल के लिए एक करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो युवा लड़कों और लड़कियों को रेसलिंग में प्रशिक्षण देने के लिए उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही 85 लाख रुपये की लागत से एक जिम भी बनने जा रहा है, जिससे गांव के युवा अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रख सकेंगे और खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। अब गांव के स्टेडियम में रोजाना युवा अभ्यास कर रहे हैं और खेलों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की दिशा में अग्रसर हैं।

पानी की समस्या का समाधान, 7 गांवों को साफ और सुरक्षित पानी मिल सकेगा

गांव में पानी की समस्या भी एक बड़ी चुनौती थी। पीने के पानी का टीडीएस (Total Dissolved Solids) स्तर बहुत कम था, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया था। इस समस्या का समाधान करने के लिए 14 करोड़ रुपये की लागत से रिठाल नहर से पानी की लाइन दबाई जाएगी। इस परियोजना से 7 गांवों को साफ और सुरक्षित पानी मिल सकेगा, जो इस क्षेत्र के विकास में एक बड़ा कदम साबित होगा।

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार प्रयासरत

गांव के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर मिल रही हैं। आयुष्मान योजना के तहत गांव के करीब 20 कैंसर मरीजों को इलाज की सुविधा मिली है। इसके अलावा 30 हार्ट के मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में किया गया और 60 मरीजों ने आंखों के ऑपरेशन करवाए। यह साबित करता है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन गांव के स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए प्रयासरत हैं।

विकास की दिशा में निरंतर प्रयास, बुनियादी सुविधाओं के विस्तार क‍ो बढ़ावा

गांव के विकास के लिए अनुराग हुड्डा ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। 24 घंटे बिजली, पानी की समस्या का स्थायी समाधान, खेलों में बच्चों को बढ़ावा देना और युवाओं को नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना, ये सभी कदम इस बात का संकेत हैं कि जसिया गांव भविष्य में और भी प्रगति करेगा। अनुराग हुड्डा ने यह भी बताया कि उनका उद्देश्य गांव में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना है और युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित करना है, ताकि वे न केवल अपने गांव का नाम रोशन करें, बल्कि देश और विदेश में भी पहचान बना सकें।

जसिया गांव अब विकास और प्रगति के प्रतीक के रूप में सामने आ रहा

जसिया गांव अब सिर्फ एक आंदोलन स्थल के रूप में नहीं, बल्कि विकास और प्रगति के प्रतीक के रूप में सामने आ रहा है। 24 घंटे बिजली, खेल नर्सरी, स्वास्थ्य सेवाएं और पानी की समस्या का समाधान यह दर्शाते हैं कि यहां के लोग अपने विकास के प्रति जागरूक हैं और सरकार भी इस दिशा में अपना पूरा समर्थन दे रही है। जसिया गांव की यह यात्रा न केवल इस गांव के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा बन सकती है कि अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो किसी भी गांव या क्षेत्र को प्रगति के रास्ते पर अग्रसर किया जा सकता है।

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