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Rohtak Suicide Case: पीजीआई के फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य 56 वर्षीय डॉक्टर राकेश गोयल का शव बरामद हुआ था, जिसके बाद से बवाल मचा है।

Rohtak Suicide Case: रोहतक में  पीजीआईएमएस फार्मेसी कॉलेज प्राचार्य की आत्महत्या मामले में परिजनों को फार्मेसी छात्रों का समर्थन मिल गया है। पुलिस ने आत्महत्या के लिए विवश करने वालों पर कार्रवाई के लिए एफआईआर में नई धारा जोड़ी है। दरअसल  पीजीआई के फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य 56 वर्षीय डॉक्टर राकेश गोयल ने सुसाइड नोट छोड़कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शव शुक्रवार को बालंद के पास नहर से बरामद कर शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।

 घर से लापता हुए थे प्राचार्य

दरअसल, पीजीआईएम फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राकेश गोयल वीरवार सुबह अचानक घर से लापता हो गए थे। तलाश करने पर भी जब परिजनों को कोई सुराग नहीं मिला तो आईएमटी थाने में शिकायत की। पुलिस को दिल्ली रोड पर भालौठ ब्रांच के पास एक काले रंग की स्कूटी मिली। पटरी पर ही चप्पल पड़ी हुई थी। पुलिस को मौके पर एक डिब्बी भी मिली थी। माना जा रहा है कि डिब्बी में सल्फास की गोली थी, परंतु डॉ. राकेश गोयल का कोई सुराग नहीं मिला।

बालंद के पास नहर से मिला था शव

पुलिस ने एनडीआरएफ की टीम के साथ नहर में सर्च अभियान चलाया। सर्च अभियान चलाकर पुलिस ने शुक्रवार को बालंद गांव के पास नहर से प्राचार्य का शव बरामद किया। पुलिस जांच के दौरान पुलिस को प्राचार्य के नाम से एक चार पेज का पत्र मिला। अंग्रेजी में लिखे गए पत्र में आंतरिक विवाद का जिक्र किया गया है। पुलिस प्राचार्य के सुसाइड के साथ प्राचार्य के नाम से मिले पत्र की जांच भी कर रही है। मृतक के परिजनों ने भी इस मामले में सुसाइड नोट में मिले नामों के अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

बेटे ने मांगा इंसाफ

मृतक के बेटे अनिल गोयल ने कहा कि सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस कार्रवाई करें और इंसाफ मिलना चाहिए। मेरे पिता ने सुसाइड नोट में काफी गंभीर आरोप लगाए है। सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम लिखे गए हैं, उन पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। सुसाइड नोट में लिखे शामिल नामों के अनुसार मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 

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छात्रों ने किया प्रदर्शन

प्राचार्य के आत्महत्या करने के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई के दौरान परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। जिसके बाद फार्मेसी कॉलेज के छात्र पोस्टमार्टम हाउस के पास एकत्रित हो गए। छात्रों ने प्राचार्य के लिए न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर में आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराएं जोड़कर कार्रवाई शुरू कर दी।

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