रोहतक: डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग को लेकर पीजीआई में धरने पर बैठे रेजिडेंट डॉक्टरों में रोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बातचीत सिरे न चढ़ने के विरोध स्वरूप शनिवार की सुबह से ही आपातकालीन सेवाएं, ओपीडी और वार्ड में ड्यूटी बंद कर दी। डॉक्टर्स ने धरना स्थल पर एकत्रित होकर पीजीआई प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा डायरेक्टर ऑफिस के बाहर भी प्रदर्शन किया। सुरक्षा कर्मियों ने पीजीआई के पिछले गेट को भी ताला जड़ दिया। देर रात तक डॉक्टर्स और अधिकारियों के बीच बातचीत का दौर चलता रहा।
रेजिडेंट डॉक्टरों ने लगाया आरोप
धरने पर बैठे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की देर रात डायरेक्टर ऑफिस के बाहर दो बाहरी गाड़ियों में सवार व्यक्तियों द्वारा पीजीआई सुरक्षा कर्मियों से बदसलूकी की गई। इसके अलावा विद्यार्थियों को धमकाया गया, जिसके बाद डायरेक्टर ऑफिस के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि कैंपस में रेजिडेंट डॉक्टर सुरक्षित नहीं है, ऐसे में श्रीनगर कॉलोनी की तरफ का गेट बंद किया जाए।
कैंपस में सुरक्षित करने की मांग
रोहतक पीजीआई का कैंपस ओपन होने के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए। रेजिडेंट डॉक्टरों ने क्लोज्ड कैंपस की मांग करते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लेबर रूम के प्रवेश द्वार को डॉक्टर व हॉस्टल की तरफ से बंद किया जाए। लेबर रूम का दरवाजा डॉक्टरों के छात्रावास की तरफ जाता है, जहां अक्सर मरीजों के परिजन व तीमारदार घूमते है। यह नशीले पदार्थों का सेवन भी करते है, जिसके कारण कैंपस के अंदर रेजिडेंट डॉक्टर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते, इसलिए इसे बंद किया जाए।
देर रात तक डॉक्टरों का प्रदर्शन
सुरक्षा की मांग को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन पीजीआई में देर रात तक जारी रहा। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि अक्सर बाहरी लोगों की गाड़ियां कैंपस में आती है, जो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं। इस प्रकार की कई घटनाएं हो चुकी है, लेकिन पीजीआई प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा। गत दिवस भी बाहरी लोगों ने सुरक्षाकर्मियों से अभद्र व्यवहार किया। ऐसे में सुरक्षा कैसे संभव है। उन्होंने क्लोज्ड कैंपस की मांग करते हुए देर रात तक विरोध जारी रखा।